Kolkata Dengue: कोलकाता में डेंगू संक्रमण (Dengue Virus) कहर ढा रहा है. चिंता की बात ये है कि अब डेंगू की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या में भी रोज इजाफा हो रहा है. लगभग दो हफ्तों की अवधि के दौरान डेंगू से प्रभावित बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है. हालांकि राहत की बात ये है कि कोलकाता में अब तक बच्चों में डेंगू से सिर्फ दो मौतें हुई हैं.
वहीं डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने 25 डेंगू बेड को राज्य द्वारा संचालित डॉ बीसी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज (DBCRPGIPS) में आरक्षित रखे हैं.स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि फूलबगान अस्पताल में बच्चों के लिए आरक्षित डेंगू वार्ड के 25 बिस्तरों में से 20 बिस्तरों पर मरीज हैं.
डेंगू बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक डीबीसीआरपीजीआईपीएस के प्रिंसिपल पीडियाट्रिक्स प्रोफेसर दिलीप पाल ने कहा कि डेंगू बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जिनमें से कई को कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों के अस्पतालों से गंभीर हालत में रेफर किया जा रहा है. हमारे डेंगू वार्ड में सामान्य बेड हैं और एचडीयू में गहन देखभाल के लिए वेंटिलेशन की सुविधा है." मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कोलकाता (एमकेएचसी) में वर्तमान में लगभग आठ बच्चों का डेंगू का इलाज चल रहा है. अस्पताल के बाल रोग विभाग में कोलकाता के अलावा हावड़ा समेत अन्य इलाकों से मरीज मिल रहे हैं.
एक साल से कम उम्र के शिशुओं और मोटे बच्चों में गंभीर डेंगू का खतरा ज्यादा
एमसीएचके के बाल रोग प्रोफेसर मिहिर सरकार ने कहा, "अब हमें आईसीयू में इलाज की आवश्यकता वाले बच्चों का एक वर्ग मिलना शुरू हो गया है., एक शिशु को बहुत गंभीर डेंगू था. लेकिन अभी तक केवल एक बच्चे को प्लेटलेट ट्रांसमिशन की जरूरत पड़ी थी." सरकार ने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं और मोटे बच्चों में गंभीर डेंगू होने का खतरा ज्यादा होता है.
माता-पिता बच्चों में किसी भी प्रकार के बुखार को न करें नजरअंदाज
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बाल स्वास्थ्य संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ और एसोसिएट प्रोफेसर प्रभास प्रसून गिरी ने कहा, "पिछले दो हफ्तों में तीन बच्चों को गहन देखभाल उपचार की जरूरत पड़ी थी. इस अवधि के दौरान अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की कुल संख्या दोगुनी हो गई है. माता-पिता को किसी भी प्रकार के बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. पता लगाने और उपचार में देरी घातक साबित हो सकती है."
डेंगू के लक्षण क्या हैं
तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख की कमी, उल्टी, डायरिया, आंखों में दर्द, थकान, सुस्ती, घुटने का दर्द, शरीर में लाल धब्बे, नाक से खून ये सब डेंगू के लक्षण हैं. इन लक्षणों के दिखाई देने पर फौरन डॉक्टर के पास जाएं और प्लेटलेट्स काउंट चेक कराएं. डेंगू के लक्षण आम तौर पर संक्रमण के चार से छह दिनों बाद शुरू होकर 10 दिनों तक रह सकते हैं.
डेंगू से बचाव के ये हैं उपाय
- डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है इसलिए मच्छरों से खुद को बचाएं.
- फुल बांह के कपड़े पहनें और शरीर को कहीं से खुला ना छोड़ें.
- घर के आस-पास या अंदर कहीं भी पाना जमा ना होने दें.
- कूलर, गमले, टायर इत्यादि में जमे पानी को फौरन बहा दें
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
- पानी की टंकियों को ढंक कर रखें ताकि उनमें मच्छर पनप ना सकें.
- पानी के कंटेनर खाली कर दें और जिन जगहों पर पानी के जमा होने की उम्मीद हैं वहां कीटनाशकों का उपयोग करें.
ये भी पढ़ें
Traffic e-court: कोलकाता में शुरू हुआ ट्रैफिक ई-कोर्ट, पहले ही दिन 19 हजार केस किए गए दर्ज