Kolkata News: कोलकाता (Kolkata) में कोविड (Covid-19 को लेकर एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है. दरअसल यहां के एक प्राइवेट अस्पताल में पिछले तीन दिनों में कोरोना से तीन मरीजों की मौत दर्ज की गई है. गौरतलब है कि महानगर में पिछले सप्ताह से कोविड निमोनिया से पीड़ित लोगों सहित गंभीर मामलों की संख्या में उछाल देखा जा रहा है. हालांकि एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है. इन सबके बीच कई निजी अस्पतालों से मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन भेजे हैं.
बता दें कि शहर के पीयरलेस अस्पताल में मंगलवार से गुरुवार के बीच तीन कोविड मरीजों की मौत हुई है. जबकि उनमें से दो कॉमरेडिडिटी वाले बुजुर्ग थे, मरने वाला पहला 49 वर्षीय व्यक्ति था, जिसने मंगलवार को बिना कॉमरेडिडिटी के कोविड निमोनिया के कारण दम तोड़ दिया.
पीयरलेस अस्पताल में पिछले सप्ताह से आ रहे हैं गंभीर मामले
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीयरलेस अस्पताल के सीईओ सुदीप्त मित्रा ने कहा कि, इस हफ्ते, हमने सत्तर साल के दो मरीजों सहित तीन रोगियों को खो दिया है. पहला सर्वे पार्क का 73 वर्षीय हृदय रोगी था,उन्हें निमोनिया भी था और उन्हें गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था. दूसरा मरीज 78 वर्षीय था, जिसे मंगलवार रात कोविड निमोनिया होने पर भर्ती कराया गया था और बुधवार की सुबह उसकी मृत्यु हो गई. ”उन्होंने कहा कि अस्पताल में पिछले सप्ताह से लगातार गंभीर मामले सामने आ रहे हैं और अब छह और सीरियस केस हैं, जिसमें एक वेंटिलेशन पर है. मित्रा ने कहा, "हमारे पास अभी 32 कोविड रोगी हैं जो तीन महीनों में सबसे अधिक हैं."
AMRI अस्पतालों में भी बढ़ रही कोविड मरीजों की संख्या
शहर के एएमआरआई अस्पतालों में भी कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं. यहां की तीन इकाइयों में 80 बेड हैं, जिनमें से 60 पर कोविड मरीज भर्ती है. पिछले 10 दिनों में कोविड के मरीजों की संख्या में चार गुना वृद्धि देखी गई है. एएमआरआई के 33 कोविड क्रिटिकल केयर बेड में से चौबीस पर मरीज भर्ती है.
मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में 32 कोविड मरीज हैं भर्ती
मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, में जून के अंत तक कोई कोविड रोगी नहीं था, लेकिन अब यहां 32 मरीज हैं, जिनमें तीन की स्थिति गंभीर है. चेयरपर्सन आलोक ने कहा, "हालांकि हमारे ज्यादातर मरीज कॉमरेडिडिटीज के साथ बुजुर्ग हैं, वे बहुत गंभीर नहीं हैं. लेकिन उन्हें अपनी उम्र और कॉमरेडिडिटी के कारण अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है. भर्ती में तेजी से वृद्धि हुई है और हम और अधिक समायोजित करने के लिए तैयार हो रहे हैं."
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