Durga Puja 2022 : कोलकाता के सेंट पीटर बेसिलिका की रेप्लिका वाले पंडाल में विराजीं देवी दुर्गा, लगी भक्तों की कतार
Durga Puja 2022: कोलकाता में वेटिकन में स्थापित सेंट पीटर बैसलिका की प्रतिकृति वाले पंडाल को बनाने में 70 कलाकारों को 75 दिनों का समय लगा है. इस पंडाल को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है.
Durga Puja 2022: दुनिया भर में मशहूर कोलकाता की दुर्गापूजा की छटा देखते ही बनती है. इस साल कोरोना प्रतबिंध हटाए जाने के बाद तो यहां एक से बढ़कर एक थीम पर दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं. इसी कड़ी में मध्ययुगीन यूरोपीय वास्तुकला का प्रतीक और वेटिकन में स्थापित सेंट पीटर बैसलिका की प्रतिकृति वाले पंडाल में यहां श्रद्धालुओं को मां दुर्गा दर्शन दे रही हैं. यह विशेष पंडाल एक क्लब ने स्थापित किया है. इस शानदार प्रतिकृति को तैयार करने में कारीगरों को दो महीने का समय लगा है.
आयोजकों ने अन्य धर्म के प्रति प्रेम और सम्मान किया है प्रदर्शित
बता दें कि इस खास पंडाल को उत्तरी कोलकाता में श्रीभूममि स्पोर्टिंग क्लब ने स्थापित किया है और इस बार उसके पंडाल का विषय वेटिकन सिटी स्थित सेंट पीटर बैसलिका है.यूरोप के पुनर्जागरण काल में विकसित स्थापत्यकला का शानदार नमूना, सेंट पीटर बैसलिका को माना जाता है. कोलकाता में स्थापित इस प्रतिकृति को देखने के लिए भारी भीड़ जुट रही है. यह अन्य धर्म के लोगों को भी आकर्षित कर रहा है. वहीं मौला अली इलाके स्थित सेंट टेरेसा चर्च के पादरी फादर नवीन टाओरो ने बताया, ‘‘मैं हाल में पंडाल गया था और प्रतिकृति देखकर बहुत खुश हुआ, इसे बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है. पूजा आयोजकों ने अन्य धर्म के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित किया है.’’
वेटिकन की यात्रा कर चुके फादर टाओरो का मानना है कि यह उन लोगों के लिए शानदार अवसर है जिन्होंने कभी वेटिकन को नहीं देखा है. उन्होंने कहा, ‘‘ पंडाल एकदम वैसा ही लगता है जैसा वेटिकन में है. आयोजकों ने बारीकी का पूरा ख्याल रखा है और मैं इससे बहुत खुश हूं. इसके जरिये पूजा आयोजक वेटिकन के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं.’’
लोगों में भी इस पंडाल को लेकर है काफी उत्साह
गौरतलब है कि लोगों में भी इस पंडाल को लेकर काफी उत्साह है और विभिन्न आयुवर्ग के लोग बड़ी संख्या में श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल में आ रहे हैं. पैसठ वर्षीय बेबी दास ने बताया, ‘‘ मैं अपनी उम्र के चलते पंडाल नहीं जाने की सोच रही थी, लेकिन इस पूजा पंडाल में आने के लिए उत्साहित थी.’’
पंडाल बनाने में 70 कलाकारों को 75 दिनों का समय लगा
वहीं क्लब के कलाकार रोमियो हजारे ने बताया कि सेंट पीटर बैसलिका की प्रतिकृति बनाने में 70 कलाकारों को 75 दिनों का समय लगा. हजारा ने बताया, ‘‘कुछ दिन पहले ईसाई समुदाय का एक व्यक्ति पंडाल आया था. उसने कहा कि मैं उत्तर कोलकाता के बड़ानगर से यह पंडाल और दुर्गा प्रतिमा देखने आया हूं.’’
ये भी पढ़ें