Durga Puja 2022: कोलकाता में दुर्गा पूजा पेश करती है साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, हिंदूओं के साथ मुस्लिम समुदाय भी लेता है बढ़-चढ़कर हिस्सा
कोलकाता की दुर्गा पूजा कई मायनों में खास होती है. यहां अलग-अलग थीम पर दुर्गा पंडाल को बनाए ही जाते हैं वहीं यहां दुर्गा पूजा के दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी देखने को मिलती है.
Durga Puja 2022: कोलकाता इस समय दुर्गा पूजा के रंग में रंगा हुआ है. चारों तरफ भक्तिमय माहौल है. वहीं इन सबके बीच यहां के दुर्गा पंडालों में साम्प्रदायिक सौहार्द की भी अनूठी मिसाल देखने को मिल रही है. यहां के कई पंडालों में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नन हिंदूओं के साथ स्पेस शेयर करने के लिए उत्साहित हैं तो वहीं दूसरी और हिंदू और मुस्लिम महिलाओं द्वारा अनुष्ठान किए जा रहे हैं और सेक्स वर्कर्स भी इन आयोजनों में पूरी मदद कर रहे हैं. यहां लाउडस्पीकरों पर दुर्गा मंत्र और नमाज भी एक साथ बजती सुनाती देती हैं. गौरतलब है कि कोलकाता में दुर्गा पूजा के आयोजक बड़े पैमाने पर मुस्लिम हैं जो त्योहार के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की सदियों से मिसाल पेश कर रहे हैं.
अलीमुद्दीन स्ट्रीट पूजा बनी साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
पिछले साल 16 साल के ब्रेक के बाद स्थानीय मुसलमानों द्वारा अलीमुद्दीन स्ट्रीट पूजा को पुनर्जीवित किया गया था. इस बार कार्निवाल में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नन अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ शामिल होंगी.यहां की इंचार्ज छह सदस्यीय ऑल-मुस्लिम कमेटी है. समिति के एक सदस्य मोहम्मद शब्बीर ने कहा, "हम इस पूजा का आयोजन एक हिंदू परिवार के लिए कर रहे हैं, जो हमारे पड़ोस में ही रहता है. हालांकि अन्य लोग यहां से जा चुके हैं." पिछले साल, इस पूजा ने समाज के सभी वर्गों को आकर्षित किया था. समावेशीता के इस मंच पर एक पूजा काफी सुर्खियों में रहती है. दरअसल ये किद्दरपुर में फाइव स्टार क्लब दुर्गा पूजा है. लगभग 70 साल पुरानी इस दुर्गा पूजा को भी मुसलमानों द्वारा संचालित किया जाता है. यहां के आयोजकों में से 13 मुस्लिम हैं.
अलीपुर 78 पल्ली दुर्गा पूजा 63 वर्षों से समावेशी परंपरा को रख रही कायम
अलीपुर 78 पल्ली दुर्गा पूजा भी एक मस्जिद के बगल में स्थापित है. इसने 63 वर्षों से अधिक समय तक समावेशी होने की परंपरा को कायम रखा है. पूजा सचिव सौरव मजूमदार के अनुसार आयोजन समिति के 70 सदस्यों में से 40 मुस्लिम हैं. सौरव मजूमदार बताते हैं, "वे (मुस्लिम सदस्य) सभी गतिविधियों में शामिल हैं फिर चाहे धन इकट्ठा करना हो या पूजा का प्रसाद वितरित करना हो."
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