Kolkata e-Buses: भारत में ई-बसों के सबसे बड़े अलॉटमेंट में 1 हजार 180 ई-बसों को सौंपने की प्रक्रिया बुधवार यानी आज से कोलकाता (Kolkata) में शुरू हो जाएगी. गौरतलब है कि बंगाल परिवहन विभाग (Bengal Transport Department) ने टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd) के साथ ओपेक्स मॉडल के तहत इन बसों के संचालन और रखरखाव के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए हैं. जिसके बाद ओपेक्स के तहत, निर्माता द्वारा बसों का संचालन और रखरखाव किया जाएगा. राज्य प्रति किमी की दर से भुगतान करेगा. वहीं इन ई बसों के लिए ड्राइवर और कंडक्टर को पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (WBTC) द्वारा मुहैया कराया जाएगा.


ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर की मौजदगी में होंगे LOA पर साइन
बता दें कि परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम और प्रमुख सचिव परिवहन बिनोद कुमार की उपस्थिति में डब्ल्यूबीटीसी और टाटा मोटर्स के बीच एग्रीमेंट के लाइसेंस (एलओए) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.गौरतलब है कि शहर में इलेक्ट्रिक बस संचालन में ओपेक्स मॉडल, फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME II) योजना के तहत, निजी ऑपरेटर द्वारा 50 बसों के संचालन के साथ कोलकाता में पहले ही पेश किया जा चुका है.


अगले दो सालों ने कितने ई-बसे सड़को पर दौड़ेंगी?
पश्चिम बंगाल परिवहन निगम के एक अधिकारी ने कहा, "अगले दो सालों में शहर में 1200 बसें चरणबद्ध तरीके से आएंगी.वहीं राज्य को उन बसों में से प्रत्येक के लिए 40 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान करना होगा." इनमें से 400 ई-बसें 2022 के अंत तक और बाकी 800 बसें 2023 तक सड़क पर आने की उम्मीद हैय इस मौजूदा योजना के तहत 12-मीटर लंबाई की 150 एसी और 250 गैर-एसी बसें होंगी. इसके अलावा, शहर के रूट्स पर 9 मीटर की 350 एसी बसें और 9 मीटर लंबाई की 400 नॉन-एसी बसें होंगी.


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