Kolkata High Court: कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विभिन्न सरकारी स्कूलों के 59 प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teachers) की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया है. इन शिक्षकों पर अनुचित तरीके से नौकरी हासिल करने का आरोप है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा अब तक सेवाओं की समाप्ति का यह तीसरा आदेश है. इसके साथ सेवा समाप्ति का सामना करने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या 255 हो गई है.


रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को ही जस्टिस गंगोपाध्याय ने 143 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था. इसी पीठ ने 23 दिसंबर को 53 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था. इससे पहले बीते वर्ष न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने इसी आधार पर 269 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था. हालांकि, इन शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि आदेश उन्हें सुने बिना दिया गया था.


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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश


सुप्रीम अदालत ने तब उसी एकल-न्यायाधीश की पीठ को इन 269 प्राथमिक शिक्षकों की दलीलें सुनने का निर्देश दिया था. साथ ही इन शिक्षकों को इस गिनती पर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया. गुरुवार को ऐसे कुल 61 प्राथमिक शिक्षकों ने कोर्ट में इस मामले में अपना हलफनामा दाखिल किया. उनके हलफनामों और अन्य संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा के बाद, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने उनमें से 59 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है. अदालत ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को वेतन भुगतान तुरंत रोकने का भी आदेश दिया. शेष दो प्राथमिक शिक्षकों की सुनवाई आगामी तिथि को होगी.


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