Kolkata Historical Places: कोलकाता के इन 5 ऐतिहासिक जगहों का दीदार करने दुनियाभर से आते हैं लोग, देखें पूरी लिस्ट
Kolkata Historical Places: कोलकाता देश का सबसे ऐतिहासिक शहर कहा जाता है. यहां ब्रिटिश काल के दौरान निर्मित की गई कई संरचनाएं आज भी मौजूद हैं जिन्हें देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं.
Kolkata Historical Places: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता उन लोगों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है जो आर्किटेक्चर, पेंटिंग, कला और संस्कृति से खासा लगाव रखते हैं. ये शहर कई ऐतिहासिक स्मारकों और धार्मिक स्थलों के लिए फेमस है. यहां दक्षिणेश्वर काली मंदिर, बेलूर मठ से लेकर विक्टोरिया मेमोरियल तक, कोलकाता में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कई विरासत स्थल हैं. शहर के कई हिस्से औपनिवेशिक युग की वास्तुकला की झलक भी देते हैं. यहीं वजह है कि दुनिया भर के लोग कोलकाता की ऐतहासिक धरोहर के दीदार के लिए यहां आते हैं. अगर आप भी अपनी कला, संस्कृति और वास्तुकला के लिए फेमस कोलकाता शहर की यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो हम यहां आपको शहर के बेस्ट ऐताहिसक स्थलों के बारे में बता रहे हैं
विक्टोरिया मेमोरियल
विक्टोरिया मेमोरियल एक बेहद भव्य स्मारक है. इसे महारानी विक्टोरिया की स्मृति में बनाया गया था. विक्टोरिया मेमोरियल को 1921 में एक संग्रहालय के रूप में जनता के लिए खोल दिया गया था. 64 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में कई कलाकृतियां, हथियार और गोला-बारूद, महारानी विक्टोरिया के चित्र और कई दुर्लभ किताबें हैं. संग्रहालय में 25 गैलरी हैं. स्मारक की वास्तुकला दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिजाइनों में से एक है. इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट विलियम इमर्सन ने डिजाइन किया था.
बेलूर मठ
बेलूर मठ स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है. मठ की वास्तुकला में हिंदू, इस्लामी, बौद्ध और ईसाई कला और रूपांकनों जैसे विभिन्न तत्वों का मिश्रण देखा जा सकता है. कला के विभिन्न तत्वों के उपयोग के पीछे का विचार सभी धर्मों के बीच एकता का संदेश देना है. बेलूर मठ 40 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह हरे भरे परिसर से घिरा हुआ है. यह मठ हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है. 20वीं सदी का बेलूर मठ भारत का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है.
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण 1847 में एक जमींदार और परोपकारी रानी रश्मोनी द्वारा निर्मित कराया गया था. देवी काली का मंदिर कोलकाता का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है. मंदिर में मां काली के अवतार मां भवतारिणी की पूजा की जाती है. 25 एकड़ में फैले इस मंदिर में हर रोज देश भर से हजारों श्रद्धालु आते हैं. यह मंदिर दक्षिणेश्वर में स्थित है और इसलिए इसे दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से जाना जाता है.
हावड़ा ब्रिज
ब्रिटिश काल के दौरान बनवाया गया हावड़ा ब्रिज आज कोलकाता की पहचान का पर्याय बन गया है. शहर के मध्य में स्थित यह पुल हुगली नदी पर बनाया गया है. 705 मीटर लंबा पुल 20वीं सदी की इंजीनियरिंग का शानदार प्रदर्शन है. यह पुल कोलकाता और हावड़ा को जोड़ता है, महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर पुल का नाम रवींद्र सेतु रखा गया है. बता दें कि हावड़ा ब्रिज दुनिया का छठा सबसे लंबा कैंटिलीवर ब्रिज है.
इंडियन म्यूजियम
इंडियन म्यूजियम देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना संग्रहालय है. इसे 1814 में बनाया गया था. भारतीय संग्रहालय के संस्थापक डॉ नथानिएल वालिच थे. दावा किया जाता है कि यह दुनिया का 9वां सबसे पुराना म्यूजियम है. इसे 1878 में जनता के लिए खोल दिया गया था. ये संग्रहालय विभिन्न प्राचीन वस्तुओं, आभूषणों, जीवाश्मों और कंकालों का होम है. संग्रहालय में कई दुर्लभ और यूनिक नमूने भी संरक्षित हैं. संग्रहालय में पुरातात्विक निष्कर्षों का एक विशाल संग्रह है और इसे अपने दुर्लभ कला संग्रह के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली हुई है.
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