Kolkata Green Buses: कोलकाता की सड़कों पर दौड़ेंगी ग्रीन बसें, दिसंबर तक 400 बसें लाने की है योजना
कोलकाता में जल्द ही इलेक्ट्रिक और बैटरी से चलने वाली बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी. परिवहन विभाग और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने ये जानकारी दी है.
Kolkata Green Buses: पश्चिम बंगाल राज्य के परिवहन विभाग और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम (Firhad Hakim) ने कहा है कि राज्य सरकार कोलकाता (Kolkata) शहर में और अधिक इलेक्ट्रिक और बैटरी से चलने वाली बसें शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. इसके अलावा, सभी मौजूदा ईंधन से चलने वाली बसों को फेजवाइज तरीके से इलेक्ट्रिक या बैटरी से चलने वाली बसों में परिवर्तित किया जाएगा, और शहर भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों की योजना बनाई जा रही है. कई पुराने ट्राम डिपो को भी EV चार्जिंग हब में बदला जाएगा.
डीजल से चलने वाली बसों को बैटरी बसों में तब्दील किया जाएगा
हकीम ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में जानकारी दी कि, शहर को एनवायरमेंट फ्रेंडली बनाने के लिए सभी डीजल से चलने वाली बसों को बैटरी से चलने वाली बसों में बदलने की योजना है. मंत्री ने कहा कि कोलकाता में 76 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं. वहीं कई और ईवी चार्जिंग स्टेशन भी पाइपलाइन में हैं.
वर्तमान में कोलकाता में लगभग 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं
बता दें कि परिवहन विभाग वर्तमान में कोलकाता में लगभग 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रहा है. लेकिन भविष्य में, राज्य बसों की खरीद और संचालन नहीं करेगा. इसके बजाय, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (FAME II) योजना के तहत शहर में इलेक्ट्रिक बस सेवाओं के लिए परिचालन व्यय (OPEX) मॉडल को अपनाया जाएगा.
1200 इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर दिया गया है
ओपेक्स मॉडल के तहत, बस निर्माता अपनी लागत पर वाहनों का संचालन, चार्ज और रखरखाव करेंगे. राज्य परिवहन विभाग कंडक्टर उपलब्ध कराएगा. बता दें कि टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक वाहन डिवीजन को शहर के लिए 1,200 इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर मिला है. ये वाहन अगले दो वर्षों में चरणों में आने वाले हैं.1,200 में से लगभग 480 बसें वातानुकूलित होंगी और बाकी नॉन-एसी होंगी. डिलीवरी की समय सीमा 2022 के अंत तक 400 ई-बसें और शेष 2023 तक है.
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