(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kolkata News: साइबर या फाइनेंशियल फ्रॉड होने पर अब नहीं जाना पड़ेगा थाना, पुलिस की वेबसाइट पर ऐसे दर्ज कराएं शिकायत
कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने लोगों से कहा है कि साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसने पर या फोन हैक होने पर घबराएं नहीं बल्कि सीधे पुलिस थाने जाएं और अपनी शिकायत दर्ज कराएं. पुलिस मामले की फौरन जांच करेगी.
Kolkata News: कोलकाता के लोग जल्द ही शहर की पुलिस (Police) की वेबसाइट पर साइबर (Cyber) और फाइनेंशियल क्राइम (Financial Crime) की शिकायतें दर्ज करा सकेंगे. इसके साथ ही पीड़ित चोरी हुए पैसे की रिकवरी में मदद के लिए कोलकाता पुलिस साइबर सेल (Kolkata Police Cyber Cell) के नए ट्विटर हैंडल के माध्यम से अपनी शुरुआती शिकायतें भी दर्ज करा सकेंगे.
फोन हैक होने और साइबर अपराधियों का शिकार बनने पर न घबराएं
पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने गुरुवार को लालबाजार में इसकी घोषणा की थी. उन्होंने नेटिज़न्स से भी अपील की कि वे फोन हैक और साइबर अपराधों के शिकार होने की स्थिति में घबराएं नहीं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से ये भी कहा कि इन दिनों काफी फर्जी लोन ऐप गिरोह चल रहे हैं. ये गिरोह लोगों को फर्जी लंबित बिजली बिल अलर्ट भेजते हैं. गोयल ने सभी को भुगतान नहीं करने के लिए कहा और ऐसे सभी मामलों की सीधे पुलिस कम्पलेन करने की भी बात कही है.
रैंडम लिंक पर क्लिक करने के खतरों से दी जा रही है जानकारी
पुलिस कमिश्नर ने ये भी कहा कि अगर किसी को व्यक्तिगत जानकारी या कोई फोटो भेजी जा रही है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका डेटा और कॉन्टेक्ट लिस्ट साइबर क्रिमिनल्स को शेयर हो गई है. ऐसी स्थिति मेंतुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में जाएं. ” उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोलकाता पुलिस का पूरा प्रयास नागरिकों को रैंडम लोन ऐप पर विश्वास करने या रैंडम लिंक पर क्लिक करने के खतरों से अवगत कराना है.
नेपाल और दुबई से साइबर अपराधी कर रहे चीनी लोन ऐप का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों का एक बड़ा नेटवर्क नेपाल जैसे पड़ोसी देशों और यहां तक कि दुबई से दूर बैठकर धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए चीनी लोन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. “उनके पास कई शहरों और पड़ोसी देशों से उनके लिए काम करने वाले कई भारतीय हैं जो यहां फर्जी कॉल सेंटर स्थापित कर रहे हैं और वहां वाई-फाई का उपयोग कर रहे हैं, भले ही वे जो नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं वे भारतीय हैं. हमने इस संबंध में हाल ही में कोलकाता के अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से लोगों को गिरफ्तार किया है. जब हमने पैसे बरामद करने की कोशिश की, तो हमने पाया कि संगठित गिरोह Mule खातों का उपयोग कर रहा था, जहां खाताधारक को आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. ”
ये भी पढ़ें