Kolkata News: सिटी ऑफ़ जॉय यानी कोलकाता (Kolkata) महानगर को अपने सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (Central Business District) में पहला हेलीपैड (Helipad) मिलने जा रहा है. दरअसल एक निजी कंपनी द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर योजना बनाई जा रही है जिसके बाद न केवल एक लॉजिस्टिक समस्या का समाधान हो जाएगा बल्कि रिवरफ्रंट का डेवलेपमेंट भी होगा.
हेलीकॉप्टर से यात्रा के लिए रेसकोर्स के हैलीपैड का हो रहा है इस्तेमाल
गौरतलब है कि सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में अभी तक हेलीपैड नहीं है. जो लोग शहर के अंदर और बाहर यात्रा करने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग करते हैं (ज्यादातर वीआईपी और वीवीआईपी) उन्हें रेस कोर्स में हेलीपैड का इस्तेमाल करना पड़ता है. इसके अलावा, न्यू टाउन में एक निजी होटल के ऊपर, शहर के पूर्वी किनारे पर एक हेलीपैड है.
BBWL को हैलीपैड के लिए KMC से मिल चुकी है मंजूरी
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के बीचों-बीच इस सुविधा की योजना बंगाल बॉन्डेड वेयरहाउस लिमिटेड (BBWL) द्वारा बनाई जा रही है, जो दो शताब्दी पुरानी कंपनी है. कंपनी के मालिक केवेंटर के मानद चेयरमैन महेंद्र कुमार जालान ने कहा, "हेलीपैड 8,000 वर्ग फुट से अधिक का होगा, जो सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट मेंअपनी तरह का पहला होगा." उन्होंने कहा, "हम हेलीपैड के लिए 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं."जालान ने कहा कि उन्हें प्रस्तावित हेलीपैड के लिए केएमसी की अनुमति मिल गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तीन साल पहले अपनी मंजूरी दी थी. जालान ने संकेत दिया कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो प्रोजेक्ट कुछ वर्षों में पूरा हो सकता है.
33 मंजिला बिल्डिंग बनाने की है योजना
जालान ने कहा कि उनकी 10 लाख वर्ग फुट की कुल निर्मित जगह के साथ एक 33 मंजिला इमारत बनाने की योजना है. उन्होंने कहा कि, इमारत की सातवीं मंजिल तक एक कार पार्क के साथ एक कॉमन बेस होगा, फिर, यह दो टावरों में विभाजित हो जाएगी. उन्होंने कहा कि, "इसमें सभी आधुनिक विशेषताएं होंगी जैसे कि 20% बिजली छत पर लगाए गए सोलर सिस्टम और सामने हिस्से से आएगी. इसके अलावा ई-वाहन चार्जिंग पॉइंट होंगे और एक 'एचवीएसी सिस्टम', भी होगा."
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