(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kolkata News: कोलकाता एयरपोर्ट के पिक-अप जोन में Uber की एंट्री हुई बंद, जानिए क्या है वजह?
Kolkata News: उबर कैब का कोलकाता एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया है. इस कारण कैब ड्राइवरों को 3 मिनट के भीतर पिक-अप जोन से यात्रियों को लेकर निकलना पड़ रहा है.
Kolkata News: कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उबर (Uber) प्लेटफॉर्म पर कैब बुक करने वाले यात्री को ड्राइवर्स की हरकतों से परेशान हो रहे हैं. दअसल कैब ड्राइवर्स का कहना है कि उन पर सवारियों को बैठाने और 3 मिनट में हवाई अड्डे से बाहर निकलने का दबाव है. गौरतलब है कि कोलकाता हवाई अड्डे पर लाइसेंसधारी ऐप-कैब सेवा प्रोवाइडर के रूप में उबर का कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायर हो गया है. इसी कारण उबर की कार अब कोलकाता एयरपोर्ट के पिक-अप जोन में ज्यादा देर नहीं रूक सकती है.
उबर कैब ड्राइवरों को 3 मिनट के अंदर एयरपोर्ट से निकलना पड़ रहा है
उबर ड्राइवर्, के मुताबिक अगर वे हवाईअड्डे में एंट्री करने के 3 मिनट के भीतर एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलते हैं तो उन्हें दोबारा एंट्री करने के लिए एक्स्ट्रा 60 रुपये देने होंगे. वहीं एयरपोर्ट के एक असिस्टेंट मैनेजर (कमर्शियल) से उबर को एक ईमेल भेजा गया है जिसमें लिखा गया है,"यह सूचित करना है कि मेसर्स उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड एएआई, एनएससीबीआईए में कैब एग्रीगेटर सेवा लाइसेंसधारी नहीं है और पिक अप ज़ोन के लिए कोई एक्सेस अधिकार नहीं है. यह 14.7.2022 से प्रभावी होगा."
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि उबर का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया है और अनुबंध होने तक उन्हें किसी भी अन्य कमर्शियल वाहन के रूप में माना जाएगा.
हर साल कॉन्ट्रैक्ट को रीन्यू कराया जाना अनिवार्य है
बता दें कि पिक अप ज़ोन का अधिकार प्राप्त करने के लिए हर साल ऐप कैब एग्रीगेटर्स को निश्चित शुल्क का भुगतान कर एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ कॉन्ट्रैक्ट करना होता है. इस अनुबंध के तहत कंपनी के कैब हवाई डड् के अंदर पार्क किए जा सकते हैं और यात्रियों को भी पिक-अप जोन से लिया जा सकता है. गौरतलब है कि हर साल कॉन्ट्रैक्ट रीन्यू कराना जरूरी है.
क्यों रीन्यू नहीं हुआ उबर का कॉन्ट्रैक्ट?
सूत्रों ने कहा कि उबर ने फरवरी में पुरानी ईओआई नीति के तहत नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था. लेकिन जुलाई में पॉलिसी बदल गई और इस तरह उबर का आवेदन रद्द हो गया और अब उन्हें नई ईओआई नीति का पालन करते हुए फिर से आवेदन करना होगा.हालांकि जब तक एग्रीगेटर कॉन्ट्रैक्ट को रीन्यू नहीं करते हैं तब तक यात्रियों और ड्राइवरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता रहेगा.
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