Kolkata News: कोलकाता पुलिस ने महानगर में सक्रिय प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बेचने वाले गिरोह के दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि फरवरी से अब तक देश भर में गिरफ्तार किए गए विभिन्न साइबर बदमाशों (Cyber Criminals) से 4,700 से ज्यादा प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड (Pre- Activated Sim Card) बरामद किए हैं. दिलचस्प बात यह है कि इनमें से ज्यादातर सिम कार्ड कोलकाता (Kolkata) और उसके आसपास के इलाकों में एक्टिवेटेड थे.
6 लोगों से दो हजार से ज्यादा प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड जब्त
बता दें कि जामताड़ा गिरोह से जुड़े छह लोगों के पास से पुलिस ने अब तक 2,000 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड जब्त किए हैं. इनमें से दो आरोपियों आलोक दास और रणजीत चक्रवर्ती को सोमवार रात सोनारपुर से गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले, परनाश्री पुलिस और सरसुना पुलिस ने फरवरी और अप्रैल के बीच ऐसे 2,700 से ज्यादा पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड जब्त किए थे.
सिम कार्ड का इस्तेमाल वॉलेट खोलने के लिए किया जाता है
इन सिम कार्डों का उपयोग आरोपियों द्वारा फ्रॉड कॉल जनरेट करने के लिए नहीं बल्कि वॉलेट खोलने के लिए किया जाता हैं जहां धोखाधड़ी के पैसे को रखा जा सकता है और जल्दी से डिस्ट्रिब्यूट भी किया जा सकता है. एक डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा कि, “इससे जांचकर्ताओं को कंफ्यूज करने के लिए एक वेब क्रिएट किया जाता है. जब तक हम फाइनल सोर्स तक पहुँचते हैं, तब तक खाते से एटीएम में पैसा पहले ही निकाल लिया जाता है, जहां वॉलेट का पैसा अंत में ट्रांसफर हो जाता है. सिम कार्ड Mules की तरह काम करते हैं, जिससे पुलिस के लिए आरोपी तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है क्योंकि सैकड़ों लेन-देन के साथ एक भूलभुलैया बन जाती है. ”
इस तरह करते थे गोरखधंधा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ग्राहकों के सिम कार्ड एक्टिवेट करते समय ये जालसाज ये दावा करते हुए उनकी फोटो खींच लेते थे कि उनकी पिछली तस्वीर अच्छी नहीं है. बाद में, वे एक अलग सिम कार्ड को सक्रिय करने के लिए उनकी तस्वीरों का उपयोग किया करते थे. अधिकारी ने कहा, "इस प्रकार, उन्होंने ग्राहकों की जानकारी के बिना उनकी डिटेल्स का उपयोग करके कई सिम कार्ड सक्रिय कर दिए."
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