Mumbai Mono Rail: मुंबई की संकटग्रस्त मोनोरेल (Mono Rail) सेवा को जल्द ही एक नया डिब्बा मिलने वाला है, जिसके बाद सेवाओं में और सुधार होगा. नए डिब्बे को वडाला में स्वदेशी रूप से तैयार किया गया था. अधिकारियों ने कहा,मलेशिया स्थित कंपनी स्कोमी इंजीनियरिंग ने पहले ही नया रेल डिब्बा दे दिया है. हालांकि, इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया क्योंकि यह संचालन के लिए सही नहीं था. हमने इसे देश में बनाई गई आवश्यक मशीनरी के साथ जोड़ा है और मुंबई में ही डिब्बा बनाया है. पहले स्कोमी इंजीनियरिंग को इसे बनाने का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था लेकिन अपनी जिम्मेदारियों में विफल रहने के बाद उसका कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिया गया.
स्वदेश निर्मित रेल डिब्बा
अधिकारियों ने बताया कि इस डिब्बे में कोई स्पेयर पार्ट नहीं था और इसके अंदर सीट नहीं थी. इसलिए इसे संचालन के लिए अयोग्य माना गया. हमने स्वदेश निर्मित डिब्बा बनाया है और अब यह संचालन के लिए तैयार है. अगले कुछ दिनों में इस डिब्बे को रेल से जोड़ दिया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि मोनोरेल प्राधिकरण द्वारा बनाए गए इस नए डिब्बे की शुरुआत के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और प्रतिदिन 25,000 हो जाएगी. यात्राओं की संख्या भी बढ़कर 142 हो जाएगी. इस समय मुंबई मोनोरेल में सात डिब्बे हैं और मोनोरेल में रोज 15,000 सवारियां यात्रा करती हैं.
10 नए मोनोरेल डिब्बे बनाए जाएंगे
परिवहन प्राधिकरण ने 10 नए मोनोरेल डिब्बों को बनाने का आदेश दिया है. जिससका पहला प्रोटोटाइप अप्रैल 2023 तक मिल जाएगा. भारतीय कंपनी मेधा सेवरो ड्राइव प्राइवेट लिमिटेड को इन डिब्बों का डिजाइन तैयर करने को कहा गया है. नए डिब्बों के साथ अब आठ मोनो रेल डिब्बे होंगे. इसकी कमी के कारण अभी तक मोनोरेल हर 22 मिनट में चलती है. हालांकि कई बार यात्री मोनोरेल सेवाओं में देरी की शिकायत करते हैं. नए डिब्बों को जोड़ने के बाद अब हर 15 मिनट में मोनोरेल चलेगी.
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