Mumbai News: मध्य रेलवे ने अपने मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर रेल पटरियों से सटी खाली जमीन पर सब्जियां उगाने की अपनी मौजूदा प्रणाली को खत्म करने और इनके स्थान पर फूलों के पौधों और सजावटी पौधे लगाने का फैसला किया है. भारत के सबसे भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में मौजूद इन पटरियों के किनारे सब्जियों की खेती कभी आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी. लेकिन, इसे आलोचना का भी सामना करना पड़ा, जब यह पाया गया कि कई जगहों पर करीब से बहने वाले गंदे पानी से सब्जियों की सिंचाई की जाती है.


150 एकड़ रेलवे भूमि पर फूलों की खेती करने की योजना


अधिकारियों ने कहा कि सब्जियों के खेतों को फूलों की क्यारियों से बदलने के कदम से रेलवे मार्ग की सुंदरता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि मुंबई मंडल में लगभग 115 स्थानों पर 150 एकड़ रेलवे भूमि पर फूलों की खेती करने की योजना है. पिछले कई दशकों से रेल की पटरियों के किनारे खाली पड़ी जमीन पर पालक, मेथी और भिंडी जैसी हरी सब्जियां उगाई जा रही थीं. इन खुले स्थानों को अतिक्रमण से बचाने के लिए रेलवे ने अपने कर्मचारियों को ‘ग्रो मोर फूड’ योजना के तहत वहां पट्टे पर खेती करने की अनुमति दी थी. हालांकि, इस बात पर आपत्ति जताई गई थी कि अक्सर सिंचाई के लिए गंदे पानी का उपयोग किया जाता था.


पटरियों के किनारे लगे फूलों के पौधे सुखद अहसास देंगे- रेलवे


रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पटरियों के किनारे लगे फूलों के पौधे यात्रियों को और अधिक सुखद अहसास देंगे. साथ ही गंदे पानी का उपयोग करके सब्जियां उगाने की समस्या भी समाप्त होगी. मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रेलवे की जमीन पर सब्जी की खेती के लिए जारी मौजूदा लाइसेंस का अब नवीनीकरण नहीं करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय, पट्टे पर ली गई रेलवे भूमि पर फूलों, औषधीय जड़ी-बूटियों और सजावटी पौधों की खेती की अनुमति दी जाएगी और इसके लिए हमने मध्य रेलवे के मुंबई मंडल में लगभग 115 स्थानों पर 150 एकड़ भूमि की पहचान की है.’’


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