Aarey Colony News: मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के निर्माण से तेंदुओं समेत कई पशुओं को खतरा
Mumbai Aarey Colony News: वन्यजीव संरक्षण संगठन 'स्प्राउट्स' के सीईओ और वन्यजीव विज्ञानी आनंद पेंढारकर ने कहा कि कार शेड के निर्माण से कुछ बेहद स्थानीय जीव हमेशा के लिए खत्म हो सकते हैं.
Mumbai Aarey Colony News: मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के निर्माण से तेंदुओं समेत कई पशुओं को खतरामहाराष्ट्र सरकार जहां मुंबई के वन क्षेत्र आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना पर आगे बढ़ रही है, तो वहीं पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि इससे न केवल तेंदुओं, बल्कि कई अन्य पशुओं व पक्षियों के ठिकाने और जान को लेकर खतरा पैदा हो गया है. आरे वन क्षेत्र में तेंदुओं के अलावा कई वनस्पतियों और जीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं. उपनगरीय गोरेगांव में लगभग 1,800 एकड़ में फैले इस क्षेत्र को 'ग्रीन लंग' कहा जाता है. यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के निकट है. क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों, उभयचरों और स्तनधारियों की भरमार होने के अलावा, बिच्छू और मकड़ियों की कुछ नयी प्रजातियां भी रहती हैं. वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में कैमरा-ट्रैपिंग गतिविधि की गई, जिससे पता चला कि यहां कम से कम पांच तेंदुए रहते हैं. उनके अलावा, कुछ जंगली बिल्लियां, नेवले, छिपकली और अन्य जानवर भी कैमरे में कैद हुए.
वनों की कटाई से प्रभावित होंगे छोटे जानवर और कम ज्ञात प्रजातियां
रेसकिंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (रॉ) के संस्थापक पवन शर्मा ने कहा, ‘‘अगर सरकार कार शेड के लिए पेड़ काटने की प्रक्रिया शुरू करती है, तो संभव है कि तेंदुओं को एसजीएनपी में किसी अन्य क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए, लेकिन कई अन्य जानवरों का क्या? वे अपना आवास और अंततः अपना जीवन खो देंगे.’’ उन्होंने कहा कि निर्माण गतिविधि और वनों की कटाई के कारण कई छोटे जानवर और कम ज्ञात प्रजातियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी. आरे कॉलोनी और एसजीएनपी में, एशियाई पैराडाइज फ्लाईकैचर, चित्तीदार उल्लू, मोर, हॉर्नबिल और नाइट जार जैसे पक्षियों की लगभग 80 प्रजातियां पाई जाती हैं. शर्मा ने कहा कि यह कई उभयचरों जैसे बुलफ्रॉग, टॉड, ट्री फ्रॉग, फंगोइड फ्रॉग और 51 सरीसृप प्रजातियों का भी घर है. इनमें भारतीय रॉक पायथॉन, मॉनिटर छिपकली और स्किंक शामिल हैं.
वन्यजीव संरक्षण संगठन 'स्प्राउट्स' के सीईओ व वन्यजीव विज्ञानी आनंद पेंढारकर ने कहा कि कार शेड के निर्माण से कुछ बेहद स्थानीय जीव हमेशा के लिए खत्म हो सकते हैं. हो सकता है कि ये स्थानीय और वैश्विक स्तर पर विलुप्त हो जाएं. इनमें कुछ प्रकार के बिच्छू और मकड़ियां शामिल हैं, जो केवल आरे वन क्षेत्र में मिलते हैं. ये स्थानीय जीव हैं, जो बहुत छोटे से इलाके में रहते हैं. उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकीय रूप से महत्वपूर्ण अन्य जीव जैसे मेंढक, ड्रैगनफ्लाई, कछुए भी हमेशा के लिए खत्म हो सकते हैं.
पृथ्वीराज चव्हाण ने रखा था आरे में मेट्रो -3 कार शेड के निर्माण का प्रस्ताव
पहली बार साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरे में मेट्रो -3 कार शेड के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्थानीय एनजीओ 'वंशशक्ति' ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. चव्हाण की जगह लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने इस परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला लिया. लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने आरे में कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई का पुरजोर विरोध किया. साल 2019 में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मेट्रो -3 कार शेड को पूर्वी उपनगर कंजुरमार्ग में एक स्थल पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, लेकिन यह फैसला कानूनी विवाद में उलझ गया.