IIT Bombay Student Suicide: पिता ने शैक्षणिक दबाव से किया इनकार, बोले- 'उसने कभी धमकाने या झगड़े के बारे में नहीं बताया'
IIT Bombay Student Suicide Case: आईआईटी बॉम्बे के 18 वर्षीय बीटेक स्टूडेंट के सुसाइड केस में उनके परिवार का बयान सामने आया है. परिवार ने कहा कि दर्शन पर किसी तरह का शैक्षणिक दबाव नहीं था.
IIT Bombay Student Suicide: मंगलवार को आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के एक 18 वर्षीय छात्र दर्शन सोलंकी ने रविवार को हॉस्टल बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी. इस मामले में अब उनके माता- पिता की प्रतिक्रिया सामने आई है. दर्शन के पिता रमेशभाई सोलंकी ने शैक्षणिक दबाव से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि दर्शन शुरू से ही होनहार था. वह हर क्लास में अव्वल आता था. वह अकादमिक दबाव के कारण ऐसा नहीं कर सकता था.
मृतक के पिता ने बताया, 'जिस दिन उसने आत्महत्या की थी उसी दिन हमने उससे लगभग एक घंटे बात की थी और वह बिल्कुल ठीक लग रहा था. उसने हमें कभी भी किसी परेशानी, धमकाने या झगड़े के बारे में नहीं बताया. दर्शन के चाचा ने कहा, 'दर्शन ने हमेशा आईआईटी बॉम्बे में जाने का लक्ष्य रखा था. हमें नहीं पता कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया और कोई हमें बता भी नहीं रहा है. काश वह एक दिन इंतजार करता और अपने पिता के साथ वापस आ जाता तो हम उसकी बात सुन लेते. उसने हमें बताया कि वह वापस नहीं जाना चाहता.' वहीं, पोस्टमार्टम के बाद परिवार सोमवार दोपहर अपने बच्चे के शव के साथ वापस उत्तमनगर चला गया.
पुलिस ने दी ये जानकारी
कैंपस में सिर्फ तीन महीने बिताने वाला दर्शन केमिस्ट्री इंजीनियरिंग के 2022-26 बैच से बीटेक फ्रेशर था. उनके पिता ने सोमवार के लिए मुंबई के लिए एक ट्रेन टिकट पहले ही बुक कर लिया था, ताकि दर्शन को परीक्षा के बाद महीने भर के सेमेस्टर ब्रेक के लिए घर वापस लाया जा सके. पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है. इससे पहले छात्रों संगठन ने आरोप लगाया है कि कैंपस में अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ भेदभाव होता था, जिसकी वजह से उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस ने बताया कि मृतक छात्र अहमदाबाद (Ahmedabad) का रहने वाला था. उसने तीन महीने पहले इस कोर्स में एडमिशन लिया था और उसकी पहली सेमेस्टर की परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गई थी.
ये भी पढ़ें-