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Johnson Baby Powder: अपना बेबी पाउडर बना और बेच सकेगी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी, बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
Bombay High Court: पीठ ने कहा कि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड को बनाए रखना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि कार्यकारी एक चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
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Bombay High Court on Johnson Baby Powder Company: बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) कंपनी को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के आदेश को रद्द करते हुए जॉनसन एंड जॉनसन को बेबी पाउडर बनाने और बेचने की इजाजत दे दी है. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने बेबी पाउडर के निर्माण, बिक्री और वितरण के लिए जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के लाइसेंस को रद्द कर दिया था. इसके बाद कंपनी ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस एसजी ढिगे की खंडपीठ ने कहा कि महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की कार्रवाई अनुचित नहीं है. पीठ ने कहा कि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड को बनाए रखना जरूरी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कार्यकारी एक चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
राज्य सरकार के तीन आदेशों को दी थी चुनौती
इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार के तीन आदेशों को चुनौती देने वाली कंपनी की याचिका पर अपना आदेश पारित किया. 15 सितंबर 2022 को लाइसेंस रद्द किया गया था, 20 सितंबर, 2022 को बेबी पाउडर के निर्माण और बिक्री को तुरंत रोकने का आदेश दिया गया था. इसके बाद 15 अक्टूबर, 2022 को संबंधित राज्य मंत्री द्वारा पहले के दो आदेशों को बरकरार रखते हुए पारित किया गया. महाराष्ट्र सरकार ने 20 सितंबर को एक दूसरे आदेश में बेबी पाउडर के प्रोडक्शन और बिक्री पर भी तत्काल रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने कही ये बात
कोर्ट ने आदेश में कहा ‘‘कार्यकारी एक चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता. क्या यह हमेशा अपरिहार्य है कि जब किसी उत्पाद का, (निर्धारित मानदंडों से) विचलन या गैर-अनुपालन का एक मामला हो, तो नियामक प्राधिकरण के पास एकमात्र विकल्प, उत्पादन करने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द कर देना होता है ?
पीठ ने कहा ‘‘यह हमें सख्त प्रतीत होता है. ऐसा लगता है कि कार्यकारी कार्रवाई में खामी अथवा अतार्किकता है. ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि एफडीए (राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने याचिकाकर्ता कंपनी के किसी अन्य उत्पाद के लिए या किसी अन्य कंपनी के लिए इस तरह का कड़ा रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने अपनी व्यवस्था में सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया और कंपनी को बेबी पाउडर उत्पादों के निर्माण, वितरण और बिक्री की अनुमति दे दी.
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