Mumbai News: मुंबई में18-40 वर्ष की आयु के लोगों में अचानक कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले कुल मामलों के 1-2 फीसदी की तुलना में अब कुल मामलों में से 20-25 फीसदी मामले इसी एज ग्रुप से सामने आ रहे हैं. बता दें कि भारत में स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट और दिल के दौरे से होने वाली मौतें कुल मौतों का पांचवां हिस्सा है, खासकर युवा आबादी में दिल के दौरे या कार्डियक अरेस्ट से मौतें ज्यादा हो रही हैं. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार, हर साल लगभग 30 लाख लोग कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक और हार्ट अटैक से मर जात हैं.


मुंबई में जनवरी से जून 2021 के बीच 17,880 की हुई मौत
वहीं बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से जून 2021 के बीच 17,880 लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई, जबकि 2020 में इसी अवधि में 2,816 लोगों की मौत हुई. यह आंकड़ा दर्शाता है कि शहर में युवाओं में दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बढ़ रही हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में दिल की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं.


कैसे पड़ता है दिल का दौरा
दिल का दौरा तब पड़ता है जब कोरोनरी धमनियों में से एक ब्लॉक हो जाती है और हृदय की मांसपेशियों को उसकी महत्वपूर्ण रक्त आपूर्ति से वंचित कर देती हैं. हालांकि, कार्डिएक अरेस्ट तब होता है, जब किसी व्यक्ति का दिल उसके शरीर के चारों ओर ब्लड को पंप करना बंद कर देता है और वह सामान्य रूप से सांस लेना बंद कर देता हैं. दिल का दौरा पड़ने वाले या कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित लोगों में से चालीस प्रतिशत 55 वर्ष से कम आयु के हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एक दशक पहले युवा आबादी में दिल के दौरे के मामलों में कुल मामलों का 1-2 प्रतिशत शामिल था, लेकिन यह अब बढ़कर 15-20 फीसदी हो गया है.


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