Mumbai News: मुंबई पुलिस बिछुड़ों को अपनों से मिलाने का सराहनीय काम कर रही है. हाल ही में मुंबई के डीएन नगर पुलिस स्टेशन इलाके से 9 साल सात महीने पहले लापता हुई एक लड़की का पता लगाया गया. लड़की 22 जनवरी 2013 को अचानक लापता हो गई थी उस सम उसकी उम्र सात वर्ष की थी. लेकिन मुंबई पुलिस की कोशिश से एक बार फिर वह अपने परिजनो से मिल पाई है. हालांकि इसका पूरा श्रेय मुंबई पुलिस से रिटायर हुए असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र ढोंडू भोंसले को जाता है.
बता दें कि जब राजेंद्र ढोंडू भोसले मुंबई के डी एन नगर पुलिस स्टेशन में बतौर असिस्टेंट सब- इंस्पेक्टर तैनात ते तो उस समय उन्हें 2008 से 2015 के बीच लापता हुई लड़कियों के केस का जिम्मा दिया गया था. इस दौरान उनकी और उनकी टीम की कोशिश से लापता हुई 166 लड़कियों में से 165 का पता लगा लिया गया लेकिन 166 नंबर वाली लड़की का पता भोसले अपनी नौकरी करने के दो साल के दौरान भी नहीं लगा पाए. यहां तक कि सेवानिवृत्ति होने के बाद सात साल तक भी वे उसे खोजने की कोशिश करते रहे.
4 अगस्त को परिजनों से मिली लड़की
लेकिन आखिरकार गुरुवार, 4 अगस्त की रात 8 बजकर 20 मिनट पर 22 जनवरी, 2013 को लापता हुई लड़की का पता लगा लिया गया और फिर उसे उसके परिजनों से मिला दिया गया. सात साल पहले लापता हुई लडकी अब 16 साल की हो चुकी है. वह अंधेरी (पश्चिम) में अपने घर से 500 मीटर की दूरी पर रहती थी.
आरोपी की संतान नहीं थी इसलिए लड़की को किया था अगवा
इस मामले में हैरी जोसेफ डिसूजा (50) को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसकी पत्नी सोनी (37) आरोपी है. दंपति ने कथित तौर पर लड़की का 2013 में अपहरण कर लिया क्योंकि उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी. लड़की को अंधेरी (पश्चिम) की एक सोसाइटी में दाई के रूप में काम पर रखा गया था. लड़की के परिजन जब उससे मिले तो वह फौरन अपनी मां और चाचा को पहचान गई. सालों बाद परिवार से मिली लड़की की आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे.
कैसे किया था अपहरण
गिफ्तार किए गए डिसूजा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने लड़की को स्कूल के पास घूमते हुए देखा था. उसने कहा कि उसकी कोई औलाद नहीं थी इस वजह से उसने उसका अपहरण कर लिया था. वहीं स्कूल के बाद जब लड़की घर नहीं पहुंची थी तो उसके परिजनों ने डीएन नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई दी थी. जिसके बाद ये मामला तत्कालीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजेंद्र ढोंडू भोसले को सौंपा गया था. उस दौरान लडकी की गुमशुदगी का मामला मीडिया में भी छाया हुआ था. आरोपी जोसेफ ने बताया कि उसने डरकर लड़की को कर्नाटक में अपने मूल स्थान रायचूर में एक छात्रावास में भेज दिया था.इसी बीच 2016 में जोसेफ की खुद की संतान हो गई और फिर उसने लड़की को कर्नाटक से बुला लिया और उसे एक दाई के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया. इस मामले में पुलिस ने डिसूसा और उसकी पत्नी के खिलाफ अपहरण,मानव तस्करी सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है.