Mumbai Crime News: KYC अपडेट करने के बहाने बुजुर्ग महिला से मांगा OTP, फिर अकाउंट से निकाल लिए लाखों रुपये
मुंबई में एक बुजुर्ग महिला से केवाईसी अपडेट करने के बहाने साइबर क्रिमिनल्स ने 3 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली. हालांकि साइबर टीम ने आरोपियों को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है,
Mumbai Crime News: मुंबई में इन दिनों लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में पुलिस ने झारखंड के तीन लोगों को एक सीनियर सिटीजन से उनके बैंक अकाउंट के नो-योर-कस्टमर (KYC) को अपडेट करने के बहाने 3.94 लाख की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 31 वर्षीय वीरेंद्र कुमार मंडल, 30 वर्षीय अशोक मंडल और 31 वर्षीय रोहित मंडल के रूप में हुई है. तीनों झारखंड के एक ही गांव के रहने वाले हैं.
कैसे केवाईसी के नाम पर पीड़िता से ठगे गए लाखों रुपये
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, पीड़िता 65 वर्षीय एक महिला है, वह डीबी मार्ग इलाके में रहती है. उसने अपने पति के साथ ज्वाइंट सेविंग अकाउंट खोला था. इस साल जनवरी में, उसे एक फोन आया, कॉल करने वाले ने उसे कहा कि वह बैंक से बोल रहा है. उसने पीड़िता को कहा कि उसका बैंक केवाईसी लंबित है, और अगर वह अपडेट नहीं करती हैं, तो उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा और पैसे जब्त कर लिए जाएंगे. अकाउंट बंद किए जाने के डर से पीड़िता ने केवाईसी अपडेट करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा. इसके बाद आरोपी ने उसे एक मोबाइल ऐप का लिंक भेजा और उसे डाउनलोड करने के लिए कहा. पीड़िता ने आरोपी के निर्देश का पालन किया.
पीड़िता ने ओटीपी नंबर भी कर दिया था शेयर
इसके बाद पीड़िता के बैंक खाते से कई ट्रांजेक्शन हुए जिसमें उसके अकाउंट से 3.94 लाख डेबिट किए गए. डीबी मार्ग थाने के सीनियर इंस्पेक्टर प्रदीप खुदे ने बताया कि पीड़िता ने आरोपी के साथ ओटीपी भी शेयर कर दिया था. वहीं अकाउंट से 3.94 लाख निकाले जाने का पता लगने के बाद पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
साइबर टीम ने झारखंड से गिरफ्तार किए 3 आरोपी
मामला दर्ज किए जाने के बाद साइबर टीम जांच में जुट गई. जिसके बाद टीम ने एक शख्स और उसके साथियों का पता लगाया, जो इसमें शामिल थे. इसके बाद पुलिस की एक टीम झारखंड गई और आरोपियों को मुंबई ले आई और रविवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. आरोपियों के खिलाफ आईटी अधिनियम सहित आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
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