(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mumbai Crime News: मुंबई में साइबर फ्रॉड ने पहले 31 साल की महिला से की दोस्ती, फिर कॉलर ID एप को क्रैक कर ठग लिए लाखों रुपये
मुंबई में एक बार फिर साइम अपराध का मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक एक जालसाज ने 31 साल की महिला को गिफ्ट पार्सल भेजने के बहाने उससे 1.86 लाख रुपये की ठगी कर ली.
Mumbai Crime News: मुंबई में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. चिंता की बात ये है कि अपराधी नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को चूना लगा रहे हैं. ताजा मामले में पेशे से ग्राफिक डिजाइनर एक 31 वर्षीय महिला से जालसाजो ने 1.86 लाख रुपये ठग लिए. इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि जालसाज ने डोंबिवली निवासी के फोन में इंस्टॉल किए गए कॉलर आईडी एप को भी बरगला दिया.
गिफ्ट पार्सल भेजने के नाम पर की ठगी
ठाणे की विष्णु नगर पुलिस के मुताबिक जुलाई में पीड़िता को जालसाज की ओर से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी. जालसाज ने पीड़िता को बताया था कि वह ब्रिटेन में एक मरीन इंजीनियर है. और इसके बाद दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई. 8 जुलाई बातचीत के दौरान, जालसाज ने महिला से कहा कि वह उसे एक गिफ्ट पार्सल भेज रहा है, जिसमें एक आईफोन, एक चेन, कपड़े और ज्वैलरी हैं. इसके बाद ठग ने पीड़िता से उसका एड्रेस मांगा. जिसके बाद उसने अपनी डिटेल्स शेयर कर दी. इस दौरान जालसाज ने उसे पार्सल के लिए सीमा शुल्क के रूप में 65,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी मना लिया.
आरोपी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस करने की दी थी धमकी
11 जुलाई को, पीड़िता को फिर से एक फोन आया. इस दौरान पीड़िता को अपने फोन पर इंस्टॉल किए गए कॉलर आईडी ऐप पर 'इंडियन कस्टमर्स' के रूप में नंबर दिखाई दिया. फोन करने वाले ने दिल्ली हवाई अड्डे से फोन करने का दावा किया और पीड़ित को पार्सल डिलीवरी के समय मोटी रकम वापस करने के वादे पर 65,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा. बिना सोचे-समझे महिला ने जालसाज द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक अकाउंट में पैसे भेज दिए. इसके बाद आरोपी और पैसे मांगता रहा और धमकी देता रहा कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसे मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना करना पड़ेगा.
पीड़िता ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
ठगी करने वाला 1.78 लाख रुपये और मांगता रहा तो पीड़िता ने परेशान होकर 22 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66सी (पहचान की चोरी) और 66डी (कंप्यूटर संसाधन का इस्तेमाल कर ठगी) के तहत मामला दर्ज किया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "ऐसे कॉलर आईडी एप्लीकेशन पर दिखाई देने वाली जानकारी भी फर्जी हो सकती है, इसलिए किसी को भी ऐसी जानकारी पर पूरी तरह भरोसा नहीं करना चाहिए."
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