H3N2 And H1N1 Virus Attack In Maharashtra: मुंबई में शनिवार (18 मार्च) को एच3एन2 (H3N2) के 18 नए मामले दर्ज हुए हैं. शनिवार को महाराष्ट्र में एच1एन1 (H1N1) वायरस के कुल 405 केस मिले हैं. महाराष्ट्र के अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा से पीड़ित 196 लोगों का इलाज फिलहाल चल रहा है. अभी तक महाराष्ट्र में इन्फ्लूएंजा से चार लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से एक शख्स वाशिम, दूसरा खड़की छावनी और तीसरा पुणे नगरपालिका सीमा के रहने वाले थे. 


बता दें कि 1 मार्च, 2023 के बीच महाराष्ट्र में एच3एन3 वायरस के 119 मामले दर्ज किए गए हैं. महाराष्ट्र में वायरल को पैर फैलाते देख सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में राज्य की तैयारियों के बारे में बात की गई. इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि यह बैठक गुरुवार को कोविड-19 और एच3एन2 मामलों के रिपोर्ट के बीच की गई थी.


इन्फ्लूएंजा वायरस मुंबई में पसार रहा है अपना पैर


महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से वायरस अपना पैर तेजी से फैला रहा है. बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने बुधवार (15 मार्च) को बताया था कि इन्फ्लूएंजा के 32 मरीज भर्ती किए गए थे. लेकिन सिर्फ 2 दिनों में 196 लोग अस्पतालों में भर्ती हो गए हैं. ऐसे में देखा जा सकता है कि यह वायरस महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहा है. बता दें कि एच1एन1 वायरस को स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाता है. एच3एन2 इसका सबवेरिएंट है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक एच3एन2 वायरस पहले के वेरिएंट की अपेक्षा अधिक खतरनाक है.


अब तक 4 की मौत


अब तक महाराष्ट्र में इन्फ्लूएंजा वायरस से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सबसे लेटेस्ट मामला गुरुवार को पुणे के पिंपरी-चिंचवाड़ क्षेत्र का है, जहां 73 साल के एक शख्स की एच3एन2 वायरस से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक मरीज  हृदय की बीमारी से जूझ रहा था. इससे पहले अहमदनगर के एक मेडिकल छात्र की इस वायरस से मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक शख्स अपने कुछ दोस्तों के साथ अलीबाग घूमने के लिए गया था. अलीबाग से आने के बाद शख्स की तबीयत बिगड़ गई थी.


हाई अलर्ट पर हैं महाराष्ट्र के अस्पताल


महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने बताया कि राज्य के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वायरस की चपेट में आए मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक, बुजुर्ग, 5 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाएं इसके सबसे अधिक चपेट में हैं. डॉक्टरों ने बताया कि वायरस की चपेट में आए लोगों को इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है. 


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