Mumbai News: मुंबई के गड्ढे भरने के लिए BMC कर रही नई टेक्निक का इस्तेमाल, जानिए कितने करोड़ रुपये खर्च करने का है प्लान
भारी बारिश की वजह से मुंबई की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. ऐसे में अब इन गड्ढों को भरने के लिए बीएमसी ने कवायद शुरू कर दी है और इसके लिए नगर निगम कई करोड़ रुपये खर्च करेगा.
Mumbai News: मुंबई में इस साल भारी बारिश (Heavy Rain) ने लोगों के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त ही नहीं किया बल्कि सड़कों का भी बुरा हाल कर दिया। दरअसल भारी बारिश की वजह से मुंबई (Mumbai) की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. ऐसे में इस मानसून (Monsoon) के दौरान उभरे गड्ढ़ों को भरने के लिए बीएमसी (BMC) अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये खर्च करेगी. गौरतलब है कि बीएमसी कोल्ड मिक्स तकनीक के इस्तेमाल की जगह जियो पॉलीमर और रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट का इस्तेमाल कर गड्ढे भर रही है. सूत्रों के मुताबिक, कोल्ड मिक्स तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ मुंबई की सड़कों के लिए सूखे महीनों में ही किया जाएगा.
बीएमसी किस तकनीक से भर रही है गड्ढे?
बता दें कि बीएमसी ने अनिक-वडाला रोड पर एक हफ्ते ट्रायल के बाद गड्ढों को भरने के लिए नई तकनीक अपनाने का फैसला किया. बांधों के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले तेजी से सख्त होने वाले कंक्रीट की कीमत 23,000 रुपये प्रति घन मीटर है. जियो पॉलीमर सॉल्यूशन को सूखने में दो घंटे लगते हैं और इसकी कीमत लगभग 5,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है. तीसरी तकनीक, M60 कंक्रीट, को सूखने के लिए छह दिनों की आवश्यकता होती है और इसके लिए 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर के निवेश की जरूरत होती है. नागरिक निकाय ने बाद वाले को चुनने का फैसला किया है. सड़क विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "हम सीमेंट कंक्रीट सड़कों के लिए तेजी से सख्त तकनीक और डामर सड़कों के लिए जियो पॉलीमर का उपयोग करेंगे."
नगर निकाय ने 25 करोड़ रुपये के टेंडर किए हैं जारी
गौरतलब है कि नगर निकाय ने अब 25 करोड़ रुपये के पांच टेंडर जारी किए हैं, एक शहर के लिए, एक पूर्वी उपनगरों के लिए और तीन पश्चिमी उपनगरों के लिए. वहीं सड़क विभाग के इंचार्ज उल्हास महाले ने कहा कि “काम पूरा होने के बाद 15 महीने की एक डिफेक्ट लायबिलिटी अवधि (डीएलपी) होगी. 50 प्रतिशत लागत का भुगतान ठेकेदार को काम पूरा होने पर और शेष 50 प्रतिशत डिफेक्ट लायबिलिटी अवधि केपूरा होने पर किया जाएगा.”
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