Bakrid 2022: आगामी बकरीद के त्योहार के मद्देनजर मुंबई में तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं भिवंडी-निजामपुर नगर निगम (BNMC) ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) को बताया कि वह बकरीद के त्योहार पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दिशानिर्देशों और अन्य मानदंडों का पालन करेगा.बीएनएमसी ने कहा कि 10 जुलाई को बकरीद त्योहार के दौरान जानवरों के वध के लिए निर्धारित कानून के अनुसार अस्थायी बूचड़खाने स्थापित किए जाएंगे.इस बीच, राज्य सरकार ने बेंच से कहा कि वह पूरे महाराष्ट्र में कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बकरीद के दिन नागरिक और पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन न हो.


याचिका में क्या कहा गया है?
बता दें कि जस्टिस अनिल के मेनन और जस्टिस मकरंद एस कार्णिक की डिविजन बेंच को जीव मैत्री ट्रस्ट द्वारा दायर अंतरिम आवेदन पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल अंतूरकर द्वारा बताया गया कि ट्रस्ट के हलफनामे के अनुसार, यह स्पष्ट है कि पिछले साल बीएनएमसी मानदंडों के अनुसार उपाय करने में विफल रही थी और यह नियम और वह पशु क्रूरता अधिनियम और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का उल्लंघन था. याचिका में आगे कहा गया है कि हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछले साल किए गए उल्लंघन इस साल दोहराए ना जाएं.


बीएनएमसी के पास लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने नहीं हैं
अधिवक्ता अंतूरकर ने कोर्ट में तर्क दिया कि चूंकि बीएनएमसी के पास मुंबई और ठाणे की तर्ज पर लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने नहीं थे, इसलिए पीठ को निर्देश देना चाहिए कि उसके अधिकार क्षेत्र से बलि जानवरों को अनुष्ठान के लिए इन दो बूचड़खानों में से किसी एक में ले जाया जाए.


BNMC को बीएमसी की नीति का पालन करने के निर्देश
बता दें कि इससे पहले न्यायमूर्ति मेनन और न्यायमूर्ति कार्णिक की खंडपीठ ने सोमवार को बीएनएमसी को बलि जानवरों के वध के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की नीति का पालन करने के लिए कहा था क्योंकि उसके पास अपने क्षेत्र में कोई लाइसेंस प्राप्त और मान्यता प्राप्त बूचड़खाना नहीं था. कोर्ट ने कहा था कि, “इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की निर्धारित शर्तों और दिशानिर्देशों का ठीक से पालन किया जा रहा है.”


बकरीद पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के अनुसार योजना तैयार
वहीं बीएनएमसी के वकील एन आर बुबना ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उसने जानवरों के वध के बारे में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार उचित व्यवस्था करने की योजना तैयार की है. उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि नगर निकाय पशुपालन विभाग से ऐसी लोकेशन पर पशु चिकित्सकों को उपस्थित रहने का अनुरोध करेगा.


राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?
वहीं बीएनएमसी ने यह भी कहा कि उसे त्योहार के दौरान निर्धारित स्थानों पर राज्य से सहायता की जरूरत होगी. वहीं राज्य सरकार के वकील एआर पाटिल ने अदालत को आश्वासन दिया कि सभी अस्थायी सॉल्टर लोकेशन पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा, उन्होंने कहा कि वह राज्य भर में उन स्थानों पर सीसीटीवी लगाने पर भी विचार कर रही है जहां उन्हें पहले बलि जानवरों के वध की शिकायतें मिली थीं.इसके बाद कोर्ट ने आश्वासनों को स्वीकार कर लिया और प्रतिवादियों से उस पर हलफनामा दाखिल करने को कहा.


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