Mumbai News: 'आरे' को बचाने के लिए हजार से ज्यादा प्रचारकों ने गाया 'राष्ट्रगान', आलोचकों को दिया कड़ा संदेश
मुंबई में ‘आरे बचाओ आंदोलन' के प्रचारकों ने रविवार को कॉलोनी के बिरसा मुंडा चौक पर इकट्ठा होकर राष्ट्रगान गाया और देशभक्ति की भावना जाग्रत करने का प्रयास किया.
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Mumbai News: एकता और देशभक्ति की भावना जगाने और ‘आरे बचाओ आंदोलन’ के आलोचकों को एक कड़ा संदेश देने के लिए कि रविवार की सुबह आरे कॉलोनी के बिरसा मुंडा चौक पर 1,000 से ज्यादा प्रचारक इकट्ठा हुए थे. दोपहर 1 बजे अपने प्रदर्शन के अंत में इन प्रचारकों ने भारतीय राष्ट्रगान गाया और संदेश दिया कि उनका विरोध 'विकास विरोधी' नहीं है.
3 जुलाई से हर रविवार को प्रचारक चौक पर होते हैं इकट्ठा
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई के वन क्षेत्र आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना पर आगे बढ़ है. वहीं आरे के प्रजापुर गांव में मेट्रो -3 कारशेड के विरोध में प्रचारक 3 जुलाई से हर रविवार को चौक पर इकट्ठा हो रहे हैं. रविवार का प्रदर्शन, विशेष रूप से एमएमआरसीएल को डिपो प्लॉट (जो पर्यावरणविदों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है) से वनस्पति को हटाने को रोकने के लिए किया गया था और ये 3 जुलाई के बाद से अब तक की सबसे बड़ी सेव आरे सभा को चिह्नित करता है.
मेट्रो-3 कार शेड प्रोजेक्ट से कई वन्य जीवों को खतरा
वहीं पर्यावरणविदों ने ये भी चेतावनी दी है कि मेट्रो-3 कार शेड परियोजना से न केवल तेंदुओं, बल्कि कई अन्य पशुओं व पक्षियों के ठिकाने और जान को लेकर खतरा पैदा हो गया है. आरे वन क्षेत्र में तेंदुओं के अलावा कई वनस्पतियों और जीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं. उपनगरीय गोरेगांव में लगभग 1,800 एकड़ में फैले इस क्षेत्र को 'ग्रीन लंग' कहा जाता है और यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के निकट है. क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों, उभयचरों और स्तनधारियों की भरमार होने के अलावा, बिच्छू और मकड़ियों की कुछ नयी प्रजातियां भी रहती हैं. वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में कैमरा-ट्रैपिंग गतिविधि की गई, जिससे पता चला कि यहां कम से कम पांच तेंदुए रहते हैं. उनके अलावा, कुछ जंगली बिल्लियां, नेवले, छिपकली और अन्य जानवर भी कैमरे में कैद हुए.
मेट्रो -3 कार शेड के निर्माण का प्रस्ताव किसने रखा था?
बता दें कि पहली बार साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरे में मेट्रो -3 कार शेड के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्थानीय एनजीओ 'वंशशक्ति' ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. चव्हाण की जगह लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने इस परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला लिया. लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने आरे में कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई का पुरजोर विरोध किया. साल 2019 में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मेट्रो -3 कार शेड को पूर्वी उपनगर कंजुरमार्ग में एक स्थल पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, लेकिन यह फैसला कानूनी विवाद में उलझ गया.
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