Mumbai News: मुंबई को पेयजल की सप्लाई करने वाली झीलों का वाटर स्टॉक बढ़ा, 5 महीने तक बिना कटौती मिलेगा पानी
मुंबई में जुलाई के 13 दिनों में ही जमकर बारिश हुई है. इस कारण शहर को पेयजल की आपूर्ति करने वाली सात झीलों का जलस्तर क्षमता का आधा हो गया है.
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Mumbai Rain: जून का महीना ड्राई रहने के बाद जुलाई के शुरुआती 12 दिनों में मुंबई (Mumbai) शहर बारिश से सराबोर हो चुका है. हालांकि लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी हो गई है जिसके लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. लेकिन भारी बारिश ने मुंबई शहर को पेयजल की आपूर्ति करने वाली सात झीलों का जल स्तर बढ़ा दिया है.
महज 12 दिनों में सात झीलों का जल स्तर कुल क्षमता का आधा हुआ
गौरतलब है कि सात झीलों में जल स्तर 15 दिनों से भी कम समय में कुल क्षमता के आधे तक पहुंच गया है. इससे पांच महीने के लिए मुंबई को पानी की सप्लाई बिना कटौती होगी. हालांकि मानसून के अंत तक इसे और 100 प्रतिशत क्षमता तक बढ़ाने की जरूरत है, ताकि शहर को अगले मानसून तक या 10 महीने तक निर्बाध जलापूर्ति होती रहे.
बीएमसी ने पानी कटौती का फैसला वापस लिया
बता दें कि मानसून में देरी होने के चलके 28 जून को झीलों में बमुश्किल 9 प्रतिशत पानी का स्टॉक बचा था. इसे देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम ने जून के अंतिम सप्ताह से 10 फीसदी पानी की कटौती करने का एलान भी कर दिया था. लेकिन 30 जून से बारिश का दौर जो शुरू हुआ उसने इन सात झीलों के जलग्रहण क्षेत्रों में बढ़ोतरी कर दी. जिसके बाद बीएमसी ने पानी कटौती के अपने फैसले को वापस ले लिया है. सात झीलों ऊपरी वैतरणा, मध्य वैतरणा, मोदक सागर, तानसा, भाटसा, तुलसी और विहार की कुल क्षमता 14.47 मिलियन लीटर है. मंगलवार को स्टॉक 7.28 मिलियन लीटर था.
मानसून के अंत तक झीलों का जलस्तर 100 फीसदी होना जरूरी
हालांकि बीएमसी का कहना है कि फिलहाल भारी बारिश ने झीलों को तेजी से भर दिया है, लेकिन अगर मौसम के अंत में झीलें नहीं भरती हैं तो इससे पानी की समस्या का समाधान नहीं होगा. बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि, “कुछ साल पहले, सितंबर के पहले सप्ताह में झीलें भर जाती थीं, लेकिन उसके बाद बारिश कम होने के बाद सितंबर के अंत में स्टॉक 90 प्रतिशत तक गिर गया और शहर को पानी की कटौती का सामना करना पड़ा. इसलिए मानसून के अंत में जल स्तर की बढ़ना जरूरी है. ”
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