Dussehra Rally: मुंबई में आज दोनों दशहरा रैलियों के लिए पुलिस ने किए खास इंतजाम, जानिए- कहां लगी कितनी फोर्स
मुंबई में आज शिवसेना के दोनों गुट उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट दशहरा रैली का आयोजन कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने भी दोनों रैलियों की सुरक्षा व्यस्था के लिए खास इंतजाम किए हैं.
Dussehra Rally in Mumbai: आर्थिक राजधानी मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में पहली बार में दो दशहरा रैलियां होने जा रही हैं. दरअसल आज जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट की दशहरा रैली शिवाजी पार्क में हो रही है तो वहीं सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की दशहरा रैली बीकेसी मैदान में आयोजित की जा रही है. दोनो रैलियों में भाषण शाम 7 बजे के बाद होगा. मैदान में भीड़ जुटाने के लिये दोनों ही गुटों ने बड़े पैमाने पर राज्यभर से कार्यकर्ताओं को मुंबई (Mumbai) बुलाया है. गौरतलब है कि शिव सेना (Shiv Sena) में हुई बगावत के बाद दशहरे (Dussehra) के मौके पर पहली बार पार्टी के दोनों गुटों का शक्ति प्रदर्शन होगा. वहीं इस राजनीतिक माहौल के बीच दोनों गुटों में टकराव न हो इसके लिये मुंबई पुलिस (Police) ने भी कमर कस ली है और इस समय किसी भी तरह का लॉ एंड ऑर्डर ना बिगड़े इसके लिए पुलिस द्वारा काफी पुख्ता बंदोबस्त भी किए गए हैं.
शिवसेना की दशहरा रैली के लिए पुलिस ने किए ये इंतजाम
बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में दशहरा रैली शिवाजी पार्क में आयोजित की गई है. ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा कई कड़े कदम उठाए गए हैं. शिवाजी पार्क की सुरक्षा व्यस्था के लिए 2 डीसीपी, 3 एसीपी, 17 पुलिस इंस्पेक्टर, 60 एपीआई/ पीएसआई, 420 पुलिस कर्मचारी, 65 पुलिस हवालदार, 2 RCP प्लाटून, 5 सुरक्षा बल पथक, 2 क्यूआरटी और 5 मोबाईल वाहन की तैनाती की गई है.
शिंदे गुट की दशहरा रैली के लिए पुलिस ने ये किए बंदोबस्त
वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिंदे गुट की दशहरा रैली बीकेसी मैदान में होनी है. यहां भी पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से तमाम बंदोबस्त किए हैं. बीकेसी मैदान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 4 डीसीपी, 4 एसीपी,66 पुलिस इंस्पेक्टर, 217 एपीआई/ पीएसआई, 1095 पुलिस कर्मचारी, 410 पुलिस हवालदार, 8 RCP प्लॅटून, 5 सुरक्षा बल पथक, 5 QRT व14 मोबाईल वाहनों की तैनाती की गई है.
राजनीतिक पार्टियों की दशहरा रैलियों से सियासी गलियारे में बढ़ी हलचल
गौरतलब है कि मुंबई में ठाकरे और शिंदे गुट की दशहरा रैलियों ने राजनीतिक हलकों में और आम नागरिकों के बीच भी हलचल पैदा की है और दोस्त से दुश्मन बने प्रतिद्वंद्वी के भाषणों के अलावा और भी बहुत कुछ इन रैलियों में देखने को मिलेगा. क्योंकि दोनों ही गुट खुद को 'असली' शिवसेना के रूप में पेश करने की कोशिश करेंगे और पार्टी के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत को लेकर दावा करने का प्रयास करेंगे.