Mumbai Pune Expressway: पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर टोल 1 अप्रैल से 18% बढ़ जाएगा, जिससे दोनों शहरों के बीच आने-जाने का खर्च बढ़ जाएगा. महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एमएसआरडीसी हर साल ईवे पर टोल 6% बढ़ाता है, लेकिन इसे हर तीन साल में एक साथ लागू किया जाता है. गणना के अनुसार, टोल बढ़ाया जाएगा.  ईवे टोल का ऊपर की ओर संशोधन यात्रियों के लिए एक पॉकेट पिंच होगा. व्यक्तिगत वाहन उपयोगकर्ताओं को 1 अप्रैल से 94 किमी स्पीड कॉरिडोर पर एकतरफा टोल के रूप में 320 रुपये का भुगतान करना होगा. यह वर्तमान में 270 रुपये है. कार उपयोगकर्ता पुणे से मुंबई के किले क्षेत्र में जाने के लिए टोल में 360 रुपये (एक्सप्रेस वे पर 320 रुपये और वाशी के पास अन्य 40 रुपये) खर्च करेंगे.


उम्मीद की जा रही है कि निजी बस और कैब मालिक जल्द ही अतिरिक्त लागत यात्रियों पर डाल देंगे. पुणे बस एंड कार ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन जुनावने ने कहा कि टोल बढ़ोतरी का निश्चित रूप से किराए पर असर पड़ेगा. महामारी के कारण ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान हुआ है और वे इसे फिर से वहन नहीं कर सकते. पुणे डिस्ट्रिक्ट लग्जरी बस एसोसिएशन के अध्यक्ष बालासाहेब खेडेकर ने कहा कि वे जल्द ही किराया बढ़ाने पर फैसला लेंगे. उन्होने कहा कि अगर टोल बढ़ता है तो हमारी परिचालन लागत भी बढ़ जाएगी. किराए में वृद्धि की उम्मीद है लेकिन एमएसआरटीसी की शिवनेरी बसों से मार्ग पर हमारी कड़ी प्रतिस्पर्धा है. हमारा पुणे-मुंबई का किराया 500 रुपये से 550 रुपये के बीच है. जो शिवनेरी बसों से कम है.


एमएसआरटीसी बस की किराया बढ़ने का संभावना है कम
स्वराज्य वाहन चालक संगठन के अध्यक्ष गुरु कट्टी ने कहा कि चार सीटों वाली कार में पुणे-मुंबई मार्ग पर एक तरफ का किराया टोल सहित 2,800 रुपये है. छह सीटर कार के लिए यह 3,600 रुपये है.  हम ईवे टोल संशोधन के बाद लगभग 300 रुपये से 400 रुपये की किराया वृद्धि देख रहे हैं. कट्टी ने मीडिया को बताया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बसों से यात्रा करने वाले लोगों को जेब पर दबाव महसूस होने की संभावना नहीं है. एक अधिकारी ने कहा कि किराया वृद्धि पर फैसला मुंबई में मुख्यालय से आता है. हमें अभी तक इस पर कोई सूचना नहीं मिली है.


एक्सप्रेस वे पर नियमित यात्रा करने वाले यात्री ने क्या कहा
यात्रियों ने एक ही बार में ईवे टोल में 18% बढ़ोतरी की निंदा की. दोनों शहरों के बीच अक्सर आने-जाने वाले कौशल प्रधान ने कहा कि यह देखते हुए कि मार्ग असुरक्षित हो गया है, टोल बढ़ाना एक अच्छा विचार नहीं है. कामकाजी पेशेवर उमेश भोसले ने कहा कि "एक्सप्रेसवे टोल में अचानक 18% की वृद्धि चौंकाने वाली है क्योंकि मुद्रास्फीति हमेशा अधिक होती है. एमएसआरडीसी को अपनी नीति बदलनी चाहिए. मुझे लगता है कि एमएसआरडीसी को हर तीन साल में 18 फीसदी बढ़ोतरी की मौजूदा प्रणाली के बजाय हर साल अधिकतम 2-3 फीसदी तक ईवे टोल में वृद्धि करनी चाहिए."


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