(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mumbai Rain: 2015 के बाद इस साल जुलाई रहा तीसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना, जानिए-कितनी हुई बरसात
मुंबई में जुलाई के महीने में भारी बारिश दर्ज की गई, शुरुआत के 15 दिन शहर में मूसलाधार बारिश हुई. गौरतलब है कि 2015 के बाद जुलाई के महीने में शहर में हुई यह तीसरी सबसे ज्यादा बारिश है
Mumbai Rain: मुंबई में जून का महीना सूखा रहा लेकिन जुलाई के महीने में शहर भारी बारिश से अस्त-व्यस्त हो गया. शहर में इतनी मूसलाधार बारिश हुई कि कई निचले इलाके जलमग्न हो गए वहीं यातायात की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया. लेकिन इन सबके बीच भारी बारिश ने मुंबई की झीलों का जल भंडार बढ़ा दिया. वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) सांताक्रूज वेधशाला के अनुसार, मुंबई में सोमवार सुबह तक इस महीने 1,207 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इसी के साथ बता दें कि 2015 के बाद से जुलाई 2022 में शहर में हुई यह तीसरी सबसे अधिक बारिश है.
मुंबई में 2020 में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी दर्ज
बता दें कि मुंबई में 2020 में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा बारिश 1,502.6 मिमी दर्ज की गई थी.उसके बाद 2019 में 1,464.8 मिमी बारिश हुई. गौरतलब है कि इस महीने के पहले 13 दिनों में शहर में भारी बारिश हुई. इसी के साथ इस साल जुलाई महीने की 12 तारीख तक औसत 919.9 मिमी बारिश दर्ज की गई. बता दें कि जून औसत से कम बारिश 526.3 मिमी के बजाय 292 मिमी ही बारिश दर्ज की गई थी.
मुंबई में भारी बारिश की रफ्तार हुई कम
हालांकि पिछले हफ्ते से मुंबई शहर में भारी बारिश का दौर थोड़ा कम हो गया है. दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 जुलाई से सीजन के पहले ब्रेक-फेज में प्रवेश करने के लिए तैयार है, जिससे महाराष्ट्र और गुजरात के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत मिलेगी. इस चरण में, वर्षा की गतिविधि मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी में केंद्रित होगी. गौरतलब है कि आईएमडी ने अगले पांच दिनों के लिए शहर में केवल हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है. वहीं सांताक्रूज वेधशाला द्वारा इस मौसम में दर्ज की गई कुल वर्षा 1,499.5 मिमी है, जो सामान्य से 270.1 मिमी अधिक है.
मुंबई में पेयजल सप्लाई करने वाली झीलों का जल भंडार बढ़ा
इस बीच, मुंबई को पीने के पानी की सप्लाई करने वाली झीलों का जल भंडार एक महीने पहले की तुलना में 10 प्रतिशत कम से 89 प्रतिशत तक पहुंच गया है. गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों की तुलना में ओवरऑल भंडार भी काफी ज्यादा है. दरअसल 2021 में 64.73 प्रतिशत और 2020 में 31.21 प्रतिशत जलभंडार था. वहीं सितंबर के अंत तक झीलों में कुल पानी का स्टॉक 14.47 लाख मिलियन लीटर होना चाहिए ताकि बिना कटौती पानी की सप्लाई होती रहे.
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