Mumbai Travelator: मुंबई को जल्द ही अपना पहला ट्रैवलेटर मिलने वाला है. ये ट्रैवलेटर पश्चिम रेलवे पर महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन को संत गाडगे महाराजा चौक मोनोरेल स्टेशन से जोड़ेगा. ये पूरी तरह से एलिवेटेड कॉरिडोर का टर्मिनल स्टेशन है. ये चेंबूर तक 20 किमी की दूरी तक है.


वर्तमान में, ट्रैवलेटर केवल एयर पोर्ट के अंदर स्थापित होते हैं जो एयर ट्रैवलर्स के लिए सुविधाजनक होते हैं और सामान भी ले जाते हैं. मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास ने कहा, “हमने मोनोरेल को महालक्ष्मी स्टेशन और अपकमिंग मेट्रो 3 अंडरग्राउंड स्टेशन तक बढ़ाने के बारे में सोचा था. अब हम ट्रैवलर द्वारा इस दूरी को पाटने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं."


ट्रैवलेटर को एलिवेटेड लेवल पर इंस्टॉल किया जाएगा


एमएमआरडीए (NMRDA) इस ट्रैवलेटर को एलिवेटेड लेवल पर इंस्टॉल करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "भविष्य में, अगर हम मोनोरेल का विस्तार करने की योजना बनाते हैं, तो इस ट्रैवलेटर को हटा दिया जाएगा, और एक गाइडवे बीम लगाया जाएगा जिस पर ट्रेन चल सकती है."


ट्रैवलेटर 500 मीटर लंबा होगा


ट्रैवलेटर लगभग 500 मीटर लंबा होगा और इसमें यात्रियों की बाई-डायरेक्शन मूवमेंट के लिए 3 मीटर चौड़ाई के दो ट्रैक होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मोनोरेल के विस्तार के लिए जरूरी 150 करोड़ से 200 करोड़ रुपए की तुलना में ट्रैवललेटर स्थापित करने की लागत 6 करोड़ रुपए होगी."


अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है


वहीं अधिकारियों ने कहा कि कोविड महामारी से पहले मोनोरेल की सवारियां 18,000 थीं, हालांकि इसमें एक दिन में दो लाख यात्रियों को ले जाने की क्षमता है. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण कर रहा है, जिसका महालक्ष्मी स्टेशन के साथ एकीकरण होगा, जिससे मोनोरेल फुटफॉल में वृद्धि होगी. संत घाडगे महाराज चौक मोनोरेल स्टेशन और महालक्ष्मी मेट्रो स्टेशन के बीच की दूरी 700 मीटर है, और भूमिगत नेटवर्क बन जाने के बाद मोनोरेल पर चढ़ने के लिए बहुत से लोग इस दूरी को तय नहीं करेंगे.


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