Mumbai Coastal Road Project: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद मुंबई (Mumbai) के कोस्टल रोड (Coastal Road) के निर्माण की सारी बाधाएं अब दूर हो गई हैं. दरअसल एक एनजीओ ने पर्यावरण के मुद्दे पर कोस्टल रोड से संबंधित सड़क निर्माण और अन्य सुविधाओं के निर्माण का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिकाओं को रद्द कर दिया है. जिसके बाद बीएमसी (BMC) को बड़ी राहत मिली है. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) कमिश्नर ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह निर्णय बहुत उत्साहजनक है.
बीएमसी कमिश्नर ने SC के आदेश का किया स्वागत
बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल ने कहा, "माननीय सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा कल माननीय जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बीएमसी कोस्टल रोड मामले में बहुत उत्साहजनक आदेश... हमें भूनिर्माण और भूमिगत पार्किंग कार्यों के साथ आगे बढ़ने की मंजूरी मिली. बीएमसी यह परियोजना निर्धारित शेड्यूल नवंबर 2023 तक पूरा कर लेगी."
सड़क निर्माण के साथ अब तमाम सुविधाओं का होगा निर्माण
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मुंबई में हाजी अली के पास अंडरग्राउंड पार्किंग, साइकिल और जॉगिंग ट्रैक, ओपन स्पेस गार्डन, समुद्र किनारे सैरगाह और बटरफ्लाई पार्क बनाए जा सकते हैं. केवल एम्यूजमेंट पार्क नहीं बनाया जा सकता. सड़क निर्माण के साथ-साथ अब इन सुविधाओं के निर्माण में आ रही बाधा भी दूर हो गई है. वहीं बीएमसी ने जानकारी दी है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट 14 हजार करोड़ रुपये की है और इसे नवंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.
कोस्टल रोड बन जाने के क्या होंगे फायदे
मुंबई में कोस्टल रोड बन जाने के बाद ट्रैफिक जाम से निपटने में बडी सहायता मिलेगी. इसके अलावा, मुंबईकर सुरक्षित, जल्दी और किफ़ायती यात्रा करने में सक्षम होंगे. साथ ही एंबुलेंस का सफर भी तेज होगा. कोरोना संकट के कारण तटीय सड़क परियोजना की गति धीमी हो गई थी, लेकिन अब इस परियोजना के काम को अच्छी गति मिली है और अब तक 58 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम बातें
- यह मुंबई नगर निगम द्वारा शुरू की गई एक बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना है।
- प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा-वर्ली सी लिंक के दक्षिणी छोर तक कुल 10.58 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट कानिर्माण किया जा रहा है.
- इस परियोजना में 4+4 लेन की तटबंध सड़कें, पुल, एलिवेटेड सड़कें और सुरंगें शामिल हैं.
- कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर काम वास्तव में अक्टूबर, 2018 में शुरू हुआ था और इसे नवंबर, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
- इस परियोजना से सड़क यात्रा में लगने वाला समय कम होगा और मौजूदा सड़कों पर यातायात की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी.
- इतना ही नहीं वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी कम होगाय
- इसके साथ ही समर्पित बस रूट्स के माध्यम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार कर एडिशनल ग्रीन बेल्ट भी बनाई जाएगी.
- पूरे प्रोजेक्ट को तीन पैकेज में बांटा गया है.
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