Mumbai School: मुंबई में कक्षा 2 की छात्रा को परीक्षा देने से रोका, शिकायत लेकर थाने पहुंचा पिता, फिर क्या हुआ?
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची को बुधवार को हुए यूनिट टेस्ट में बैठने नहीं दिया गया था. छात्रा के पिता ने स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत की थी.
Mumbai School News: मुंबई के दादर इलाके में एक प्रतिष्ठित स्कूल में आठ साल की छात्रा को फीस जमा न कराने पर परीक्षा देने से कथित तौर पर रोकने का मामला सामने आया है. पीड़िता दूसरी कक्षा की छात्रा है. इसको लेकर स्कूल के प्रधानाचार्य और एक शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
छात्रा के पिता ने दर्ज करायी थाने में शिकायत
पुलिस ने शनिवार को बताया कि दूसरी कक्षा की छात्रा के पिता ने शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी. जानकारी हो कि देश के कई जाने माने क्रिकेट इसी स्कूल के छात्र रह चुके हैं. कई छात्र तो अंतरराष्ट्रीय स्तर तक क्रिकेट खेल चुके हैं. इस स्कूल को मुंबई के प्रतिष्ठित स्कूलों में से गिना जाता है. मामले को लेकर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची को बुधवार को हुए यूनिट टेस्ट में बैठने नहीं दिया गया था.
पुलिस ने बताया कि लड़की के पिता ने स्कूल प्रबंधन पर छात्रा को अपमानित करने के लिए कक्षा में दूसरे छात्रों से अलग बिठाने का आरोप लगाया है. इस मामले में पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है.
जानिये, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत क्या है प्रावधान
इस अधिनियम के अनुसार, जानबूझ कर बिना गलती के उत्पीड़न, हमला करने वाले, क्रूरता या आवास से निकालने वाले व्यक्ति को अधिक से अधिक तीन साल की जेल या एक लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों से सजा भी दी जा सकती है.
अगर यही अपराध किसी संगठन या संस्था करती है तो इसमें अधिकतम पांच साल की जेल और पांच लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है. दोनों सजा भी हो सकती है.वहीं ऐसे मामले में ही प्रताड़ना के कारण बच्चे को किसी प्रकार की क्षति होती है या मानसिक, शारीरिक बीमार (रोग ग्रस्त) हो जाए तो दस साल की जेल और पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
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