Mumbai Swine Flu: मुंबई में स्वाइन फ्लू के मामलों ने बढ़ाई चिंता, जुलाई में अब तक मिल चुके हैं 11 मरीज, एक्सपर्ट्स ने दी ये चेतावनी
मुंबई में स्वाइन फ्लू के मामले लोगों को डरा रहे हैं. बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीन में अब तक 11 मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की संख्या ज्यादा हो सकती है.
Mumbai Swine Flu: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के बाद अब स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामले लोगों को खौफजदा कर रहे हैं. बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक शहर में इस महीने अब तक स्वाइन फ्लू के 11 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि बीएमसी के दावा सटीक नहीं है क्योंकि हर रोज 1-2 मामले सामने आ रहे हैं.
गौरतलब है कि इन्फ्लूएंजा एच1एन1 (Swine Flu) से संक्रमित कम से कम चार मरीज शहर में लाइफ सपोर्ट पर हैं. वहीं डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि वायरल संक्रमण शहर में फिर से पांव पसार रहा है और जिन लोगों का कोविड -19 टेस्ट निगेटिव आ रहा है उनका एच 1 एन 1 टेस्ट किया जाना चाहिए.
क्यों ज्यादा दर्ज नहीं हो पा रहे हैं स्वाइन फ्लू के मामले
डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा मामले इसलिए दर्ज नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि इस बीमारी के लक्षण कोविड -19 के समान हैं, इसलिए कोरोनावायरस का निगेटिव टेस्ट आने पर लोग इसे सामान्य वायरल मानते हैं. वहीं महंगे टेस्ट भी स्वाइन फ्लू के मामलों की सटीक रिपोर्टिंग के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं. गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू भी कोविड-19 की तरह एक सांस की बीमारी है. यह 2019 में एक वैश्विक महामारी के रूप में शुरू हुई थी लेकिन जल्द ही इस पर काबू पा लिया गया था.
स्वाइन फ्लू का कारण क्या है और यह कैसे उत्पन्न हुआ?
- स्वाइन फ्लू एच1एन1 वायरस के कारण होता है.
- सबसे पहले, H1N1 टाइप ए इन्फ्लुएंजा पैदा करने वाला वायरस विशेष रूप से सूअरों में पाया गया था, लेकिन फिर इसने इंसानों म्यूटेट और इंफेक्टिड करना शुरू कर दिया ठीक उसी तरह जैसे कोरोनवायरस प्रभावित करता है.
- इस बीमारी को स्वाइन फ्लू का उपनाम दिया गया था क्योंकि इस स्थिति का कारण बनने वाला वायरस शुरू में जीवित सूअरों से मनुष्यों में आया था जिसमें यह विकसित हुआ था.
स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या हैं?
H1N1 स्वाइन फ्लू के लक्षण नियमित फ्लू के लक्षणों की तरह होते हैं, और इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल हैं. स्वाइन फ्लू से पीड़ित कई लोगों को दस्त और उल्टी का भी अनुभव हुआ है, लेकिन ये लक्षण कई अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं. इसका मतलब है कि आपको और आपके डॉक्टर को केवल आपके लक्षणों के आधार पर पता नहीं चल सकता है कि आपको स्वाइन फ्लू हुआ है या नहीं.
मेडिकल हेल्प कब लेनी चाहिए?
यदि आपको सांस लेने में कठिनाई या सांस लेने में तकलीफ हो, छाती या पेट में दर्द या दबाव महसूस हो, अचानक चक्कर आ जाए, गंभीर या लगातार उल्टी होती रहे और फ्लू जैसे अन्य लक्षण हैं जो सुधरते हैं लेकिन फिर बिगड़ते बुखार या खांसी के साथ वापस आते हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखान की जरूरत है.
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