नागपुर: दक्षिण गढ़चिरौली (South Gadchiroli) के भामरागढ़ तालुका के मलमपुदुर गांव में माओवादियों (Maoists) ने बुधवार को एक 38 वर्षीय दिव्यांग आदिवासी की हत्या कर दी.हालांकि माओवादियों ने अभी तक अपने जघन्य कृत्य के लिए कोई दावा नहीं किया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि यह जिले में 19 जून को पुलिस भर्ती के लिए 17,000 लोगों की भारी भीड़ के खिलाफ माओवादियों की प्रतिक्रिया थी. गौरतलब है कि 136 पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवार पहुंचे थे जिससे, माओवादी नाराज बताए गए.


माओवादियों ने जंगल मे ले जाकर की दिव्यांग की हत्या
गौरतलब है कि विद्रोही इस साल जिले में कमजोर आदिवासी लोगों को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने मई में एटापल्ली तालुका के चार आदिवासियों की हत्या कर दी थी.पुलिस सूत्रों ने बताया कि भुसेवाड़ा गांव का रहने वाला लकीकुमार ओक्सा तेंदू लीव कलेक्शन सेंटर में मैनेजर था. वह मलमपुदुर गांव में रहता था, जो संग्रह केंद्र के नजदीक है. रात में माओवादियों ने उसे घर से बाहर खींच लिया और पास के जंगल में ले गए और धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी.


पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?


वहीं पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि माओवादियों ने आदिवासी पीड़ित को निशाना बनाने का दावा करने वाला कोई पैम्फलेट नहीं छोड़ा है. उन्होंने कहा कि, “हत्या के मकसद के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. इस साल, माओवादियों ने अपनी कार्रवाई के लिए बिना किसी मकसद के कई लोगों की हत्या की है.”


गोयल ने कहा कि पुलिस भर्ती अभियान में दूरदराज के इलाकों से आदिवासी युवाओं की भागीदारी रही. इस कारण माओवादियों नाराज है और निवासियों को आतंकित करने के लिए निर्दोष आदिवासियों को निशाना बना रहे हैं.


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