नागपुर: सस्ते- स्वच्छ ईंधन के अभाव में नागपुर (Nagpur) की शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को अपने परिवार के लिए आज भी चूल्हे पर ही खाना पकाना पड़ रहा है.दरअसल पारिवारिक आय कम होने की वजह से ये एलपीजी सिलेंडर को हर महीने नहीं भरवा सकती हैं. बता दें कि देश भर में मदर्स नेटवर्क, वॉरियर मॉम्स (Warrior Moms) और सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (CFSD) द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि शहरी नागपुर की झुग्गियों में 10 में से 4 घर खाना पकाने और गर्म करने के लिए चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं,हालांकि इनमें से ज्यादातर के पास एलपीजी कनेक्शन भी है.


नागपुर की 12 स्लम कॉलोनियों मे किया गया था सर्वे


ये सर्वे शहरी नागपुर की 12 स्लम कॉलोनियों में किया गया था और इसमें 1,500 घर शामिल किए गए थे. सर्वे के दौरान पाया गया कि इनमें से 43 प्रतिशत एलपीजी और चूल्हे दोनों का इस्तेमाल करते हैं जबकि 57 प्रतिशत उत्तरदाता केवल एलपीजी का उपयोग करते हैं. लगभग 7 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट ने कहा कि वे केवल चूल्हे का उपयोग करते हैं. इसमें से 81 प्रतिशत उत्तरदाताओं, जो चूल्हे का उपयोग करते हैं, उन्हें 23 प्रतिशत उत्तरदाताओं (जो केवल एलपीजी का उपयोग करते हैं) की तुलना में खांसी ज्यादा होती है. इसी तरह, चूल्हे का उपयोग करने वाले 65 प्रतिशत उत्तरदाताओं को आंखों में जलन होती है.


सर्दियों में ज्यादा होता है चूल्हे का इस्तेमाल


सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, “चूल्हे का इस्तेमाल करने वाले रेस्पॉनडेंट जलाने के लिए लकड़ियां भी इकट्ठा करते हैं जोकि महिला का काम है और वे इसके लिए हर हफ्ते चार से पांच घंटे का समय देती है. वहीं ज्यादातर परिवारों ने गर्म पानी की अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए सर्दियों के दौरान चूल्हे के ज्यादा इस्तेमाल का बात कही.


चूल्हा जलाना एलपीजी से पड़ता है सस्ता


सर्वे में ये बात भी सामने आई कि जो जो लोग चूल्हे में जलाने के लिए लकड़ी खरीदते हैं, वे हर महीने इसके लिए 100-400 रुपये के बीच खर्च करते हैं, जो कि एलपीजी सिलेंडर रिफिल के लिए मौजूदा मासिक दर लगभग 1,000 रुपये से काफी सस्ता है.


सरकार रिपोर्ट को वेकअप कॉल की तरह ले


सीएफएसडी की संस्थापक-निदेशक लीना बुद्ध ने कहा, "इस रिपोर्ट को सरकार को एक वेकअप कॉल के रूप में लेना चाहिए और हम आशा करते हैं कि नागपुर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के एक्शन प्लान के तहत, खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन को स्थानांतरित करने को प्राथमिकता दी जाएगी और इस मुद्दे से निपटने के लिए उचित बजट आवंटित किया जाएगा."


स्टडी के आधार पर सरकार को दिए गए ये सुझाव


वहीं अध्ययन के आधार पर, संगठनों ने सरकार को एलपीजी और अन्य विकल्पों के लिए सब्सिडी प्रदान करने का सुझाव दिया है जो महिलाओं के लिए काम करेंगे और वित्तीय बोझ को कम करेंगे. सिफारिशों में कहा गया है, "धूएंरहित चूल्हे और सौर पैनलों पर चलने वाले बिजली के चूल्हों सहित कुछ स्वच्छ विकल्पों का परीक्षण किया जा सकता है और राज्य भर में इसका विस्तार किया जा सकता है."


ये भी पढ़े


Nagpur News: NMC का आरटीआई को जवाब- नागपुर में अभी भी 121 अवैध धार्मिक कंस्ट्रक्शन हैं मौजूद


Metro Line 3 Car Shed News: 'मेट्रो कारशेड का निर्माण मुंबईकरों की सेहत के साथ खिलवाड़' कांग्रेस ने की शिंदे सरकार की आलोचना