Nagpur Crime News: पिता से बदला लेने के लिए चार साल की बच्ची को किया अगवा, दोनों युवक 50 मिनट में हुए गिरफ्तार
नागपुर ग्रामीण जिले के भरकास गांव में पिता से बदला लेने के लिए एक चार साल की बच्ची का दो युवकों ने अपहरण कर लिया था. हालांकि घटना के 50 मिनट बाद ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
Nagpur Crime News: नागपुर ग्रामीण जिले के भरकास गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां पिता से बदला लेने के लिए एक चार साल की बच्ची का दो युवकों आकाश सोनवणे (19) और संकेत ठाकरे (18) ने गुरुवार को अपहरण कर लिया. बताया जा रहा है कि बच्ची के पिता ने एक साइट पर मजदूरी करने वाले सोनवणे को हटा दिया था और लंबे समय तक उसे कोई वैकल्पिक काम भी नहीं दिया था. इसी का बदला लेने के लिए सोनवणे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बच्ची का अपहरण कर लिया.
बच्ची को चॉकलेट दिलाने का लालच देकर किया अपहरण
सोनवणे, पिता से कुछ काम लेने के लिए बच्ची के घर आता-जाता रहता था. उसने मासूम को अपने साथ आने के लिए चॉकलेट का लालच दिया था. उसने बच्ची की मां को भी आश्वस्त किया था कि वह बच्ची को चॉकलेट दिलाकर जल्दी वापस आ जाएगा.जब सोनवणे ने बच्ची का अपहरण किया तब उसका दोस्त संकेत ठाकरे भी साथ था. बाद में ठाकरे बच्ची को सोनवणे के साथ छोड़कर चला गया. शाम 7.45 बजे सोनवणे ने लड़की के पिता को फोन किया और सात लाख रुपये की फिरौती की मांग की. इसके बाद पीड़ित बच्ची के पिता ने एमआईडीसी बोरी पुलिस से संपर्क किया.
पुलिस ने 50 मिनट के भीतर आरोपियों को पकड़ा
इस मामले ने पूरे जिले में हलचल मचा दी.हालांकि ग्रामीण पुलिस ने आरोपियों को 50 मिनट के भीतर पकड़ लिया. पुलिस ने मासूम को डोंगरगांव नाका के पास एक जगह से सकुशल छुड़ा लिया था. एमआईडीसी बोरी स्टेशन के वरिष्ठ पीआई अशोक कोली ने कहा कि लड़की के पिता को सोनवणे के साथ लगातार सौदेबाजी करने और उसे बातचीत में व्यस्त रखने का सुझाव दिया गया था ताकि उसके स्थान का पता लगाया जा सके और उसे पकड़ा जा सके.
अपहरण केस सुलझाने वाले पुलिसकर्मी सम्मानित
एक मीडिया ब्रीफिंग में, एसपी विजयकुमार मगर और उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) पूजा गायकवाड़ ने एमआईडीसी बोरी पुलिस स्टेशन के तीन पुलिसकर्मियों, हेड कांस्टेबल इकबाल शेख, प्रफुल राठौड़ और दीप पांडे को उनकी त्वरित कार्रवाई के लिए सम्मानित किया.मगर ने कहा कि अगर बिजली की तेज गति से मामले का पता नहीं चलता तो घटना गंभीर हो सकती थी.
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