Nagpur News: नागपुर में दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित महिला बनी स्वस्थ बच्चे की मां, डॉक्टरों ने प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करने की दी थी सलाह
नागपुर में एक महिला ने दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. डॉक्टरों ने महिला को उसकी बीमारी की वजह से प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करने की सलाह दी थी,
Nagpur News: हर महिला के लिए मां बनना सबसे सुखद एहसास होता है. लेकिन सोचिए अगर किसी महिला को उसकी प्रेग्नेंसी के दौरान पता चले कि वह दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो क्या हो? नागपुर में भी एक महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ ता लेकिन इस महिला ने दिल की गंभीर बीमारी के बावजूद बच्चे को जन्म देना चुना आज ये महिला एक स्वस्थ बच्चे की मां बन चुकी है और जल्द ही उसकी हार्ट सर्जरी भी की जाएगी.
वलसाल्वा एन्यूरिज्म नाम की बीमारी से पीड़ित थी महिला
दरअसल नागपुर में एक महिला को उसकी तीन महीने की प्रेग्नेंसी के दौरान पता चला कि उसे वलसाल्वा एन्यूरिज्म (SVA) के raptured साइनस नाम की गंभीर बीमारी है जोकि एक रेयर कार्डिक बीमारी थी. इसके बाद कार्डियोलॉजिस्ट ने उसे सलाह दी थी कि वह अपनी प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट कर दे और और पहले अपनी हार्ट सर्जरी कराए. लेकिन महिला ने अपनी हार्ट सर्जरी की बजाय पहले अपने बच्चे को जन्म देने की ठान ली और यह उसकी इच्छा-शक्ति और डॉक्टरों की स्किल थी कि उसे गंभीर स्थिति से बचाया. हाल ही में महिला ने कार्डियोलॉजिस्ट की देखरेख में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. नई मां बनी महिला अब अगले छह हफ्तों में अपने दिल का इलाज कराने के लिए पूरी तरह तैयार है.
महिला के कॉम्पलिकेटेड केस को संभालने वाले डॉक्टर ने क्या कहा?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस जटिल मामले को संभालने वाले कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमर अमाले ने दावा किया कि महिला का जीवित रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि महिला ने बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के अपनी प्रेग्नेंसी पीरियड को पूरा किया था. डॉ अमाले ने कहा कि, “मैंने पहली बार महिला को उसके नेटिव प्लेस पर देखा जब उसके परिवार के सदस्य उसे कार्डियक चेक-अप के लिए लेकर आए थे. वह गर्भावस्था की पहली तिमाही में थी और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जैसे कि वह अपने नौवें महीने में हो. मैंने उसे सारी स्थिति के बारे में बताते हुए सुझाव दिया था कि वह अपनी प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट कर दे. लेकिन महिला के साथ-साथ उसके परिवार वालों ने भी इस सलाह को अनसुना कर दिया था.
कार्डियोलॉजिस्ट की मौजूदगी में महिला की हुई डिलीवरी
लेकिन जब उसकी सांस बहुत ज्यादा फूलने लगी यू कहिए की असहनीय हो गई और उसकी गर्भावस्था बहुत उच्च जोखिम के स्तर पर पहुंच गई तो परिवार के सदस्य उसे डॉ रुचा चांगले के पास नागपुर ले आए. संयोग से, डॉ चांगले ने इस मामले को डॉ अमाले को भी रेफर किया, जिन्होंने लगभग छह महीने पहले महिला की जांच की थी. डॉ अमाले ने कहा कि, “मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वह बिना मेडिकल हेल्प के जीवित रही. उनकी इच्छा-शक्ति को सलाम करते हुए, हमने मल्टी डिसिप्लनरी अप्रोच अपनाने का फैसला किया. सभी इमरजेंसी उपकरणों के साथ कार्डियोलॉजिस्ट की उपस्थिति में उसकी डिलीवरी की गई. एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और एक बाल रोग विशेषज्ञ के साथ एक कार्डियक एनेस्थेटिस्ट भी मौजूद रहे. ”
6 सप्ताह के बाद महिला की होगी हार्ट सर्जरी
स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के बाद मां बेहतर महसूस कर रही है. उन्हें सांस फूलने से भी राहत मिली है. लेकिन उसके दिल का इलाज यानी सर्जरी की जरूरत है. इसलिए, डॉक्टर छह सप्ताह के बाद सर्जरी करेंगे.
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