(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nagpur Rain: नागपुर में बारिश बनी जानलेवा, पिछले 24 घंटे में 10 लोगों की हुई मौत, IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
Nagpur Rain:नागपुर शहर में लगातार बारिश हो रही है. वहीं भारी बारिश के चलते लोगों की जान भी जा रही है. पिछले 24 घंटे में शहर में 10 जिंदगियां मौत की नींद सो चुकी है.
Nagpur Rain: पूरे महाराष्ट्र सहित नागपुर (Nagpur) में भी भारी बारिश कहर बरपा रही है. पिछले 24 घंटों के दौरान नागपुर जिले में बारिश ने 10 लोगों की जान ले ली है. इसमें छह वे लोग शामिल हैं, जिनकी मौत सावनेर में उनके वाहन के बह जाने से हो गई थी.बता दें कि 33 वर्षीय योगेश राउत मनकापुर में साईं नगर नाले में बह गया था इस वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं काटोल में 39 वर्षीय दत्तू मधुकर की मौत हो गई. बारिश से जिले में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें बिजली गिरने से 12 लोगों की मौत शामिल है.
दो गांवों का संपर्क कटा
वहीं टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश की वजह से रामटेक, मौदा और उमरेड तहसील के दो गांवों का संपर्क कट गया है. हालांकि जिला कलेक्टर आर विमला ने बताया, "स्थिति गंभीर नहीं है क्योंकि पानी घटने के बाद सामान्य स्थिति लौटने की उम्मीद है."
नागपुर जिले में गुरुवार तक ऑरेंज अलर्ट जारी
इसी के साथ बता दें कि नागपुर जिले में अब तक 476 मिमी बारिश हो चुकी है जो इस अवधि के औसत से 100 मिमी अधिक है. वहीं मौसम विभाग ने शहर में गुरुवार तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. पिछले 24 घंटों में अकेले जिले में 91.09 मिमी बारिश हुई है. जिले के सभी 18 बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है. तीन बांधों का जल स्तर 100 फीसदी तक पहुंच गया है.
जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर किए हैं जारी
बड़े बांधों में परसेनी में नवेगांव खैरी शामिल है जहां सभी 17 गेट 0.3 मीटर से खोले गए हैं. नंद नदी पर बने वडगांव बांध के गेट भी खोल दिए गए हैं. नागपुर जिला भंडारा में गोसीखुर्द बांध के बैकवाटर से प्रभावित है इसके गेट भी खोल दिए गए हैं. वहीं जिला कलेक्टर आर विमला ने कहा कि, नदी के किनारे स्थित गांवों के लिए खतरा बना हुआ है हालांकि प्रशासन जरूरत पड़ने पर निकासी सहित किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. ”लोगों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है. जिला प्रशासन ने सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0712-2562668 और 1077 उपलब्ध कराए हैं.
बिजली गिरने से बचने से लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के निर्देश जारी किए
वहीं किसानों को चेतावनी जारी की गई है कि वे बारिश के दौरान खेतों पर न जाएं क्योंकि बिजली गिरने का खतरा भी बना हुआ है. इसके साथ हीबिजली गिरने से बचने के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के निर्देश जारी किए हैं. लोगों को सलाह दी गई है कि वे पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें, रबर की चप्पलें पहनें या हाथों में लकड़ी की छड़ी भी रखें.
वाहन चालकों को दिए गए हैं ये निर्देश
सौनेर की घटना के बाद कलेक्टर ने वाहन चालकों को बारिश के दौरान पुलिया या नहरों के किनारे वाहन चलाने से बचने की चेतावनी दी है. वहीं कलेक्टर ने कहा, "अन्य नुकसानों में 29 घायल, 88 मवेशी और 400 से अधिक मुर्गे शामिल हैं." एक प्रेस नोट में कहा गया है कि 293 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 399 हेक्टेयर खेत में फसल प्रभावित हुई.
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