Independence Day 2022: देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ के तहत 'हर घर तिरंगा' की घोषणा के बाद कपास, रेशम और 'खादी' से बने राष्ट्रीय झंडों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. वहीं पटना शहर में भी तिरंगा झंड़े की बढ़ती डिमांड के चलते तिरंगा बेचने वाले विक्रेतओं के कारोबार में भी काफी उछाल आया है.
स्वतंत्रता दिवस के विभिन्न आइटमों से भरे हुए हैं बाजार
पटना शहर के बाजार न केवल अलग-अलग साइज के तिरंगे बल्कि अन्य सजावटी वस्तुओं जैसे बैज, टोपी, गुब्बारे, स्ट्रीमर, माल्यार्पण, ब्रोच, रिबन और कलाई बैंड से भी भरे हुए हैं. वहीं खादी भंडारों और दुकानों के अलावा, अलग-अलग क्षेत्रों में तिरंगे बेचने वाले कई अस्थाई स्टॉल और स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए कई तरह के सामान बनाए गए हैं.
तिरंगा हॉट केक की तरह बिक रहा है- विक्रेता
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक कदमकुआं के एक विक्रेता सुरेश सिंह ने बताया कि, सभी प्राइवेट और सरकारी इंस्टीट्यूट, बिजनेस एंटरप्राइजेज और कमर्शियल कंपनी थोक में झंडे और अन्य सामान खरीद रही हैं. उन्होंने कहा, "तिरंगा हॉट केक की तरह बिक रहा है और हम पहले ही अपना दो-तिहाई स्टॉक बेच चुके हैं. हम कुछ और झंडे जमा कर रहे हैं क्योंकि आखिरी दिन मांग अधिक होगी."
5 रुपये से 800 रुपये की रेंज में उपलब्ध है तिरंगा
वहीं टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बेली रोड के एक अस्थायी विक्रेता मोहम्मद साकिब ने कहा कि पूर्व-महामारी के समय की तुलना में लगभग 20% बिक्री में इजाफा हुआ है. शाकिब ने कहा, "तिरंगा आकार और कपड़े के आधार पर 5 रुपये से 800 रुपये की रेंज में उपलब्ध है, ज्यादातर लोग एवरेज साइड और बड़े आकार को खरीदते हैं, जो आमतौर पर ध्वजारोहण समारोह के लिए चुना जाता है."
'हर घर तिरंगा' अभियान की घोषणा के बाद बिक्री 30 फिसदी बढ़ी
इधर पटना खादी मॉल के मैनेजर रमेश चौधरी ने कहा कि 'हर घर तिरंगा' अभियान की घोषणा के बाद बिक्री 30% तक बढ़ गई है. उन्होंने कहा, "हम प्रतिदिन 500 से ज्यादा झंडे बेच रहे हैं." उन्होंने कहा कि बिहार राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड द्वारा अब तक 10 लाख से अधिक तिरंगे बेचे जा चुके हैं.
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