Ganga Vilas Cruise: क्या छपरा में फंसा था दुनिया का सबसे लंबा गंगा विलास क्रूज? सरकार ने बताई सच्चाई
Ganga Vilas Cruise Reached Patna: पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज पटना के लिए रवाना किया था. सरकार ने इस क्रूज के छपरा में फंसने की खबरों को खारिज कर दिया है.
Ganga Vilas Cruise Reached Patna: वाराणसी (Varanasi) से 13 जनवरी को अपने पहले सफर पर निकला दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज सोमवार (16 जनवरी) को पटना (Patna) पहुंच गया है. इस क्रूज का नाम एमवी गंगा विलास है. बिना किसी बाधा का यह क्रूज बिहार की राजधानी पटना पहुंच गया है. बता दें कि एमवी गंगा विलास क्रूज गंगा नदी में खड़ा था. ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा था कि आखिर ये क्रूज गंगा के किनारे क्यों नहीं आ रहा था.
गंगा विलास क्रूज कुछ दिन पहले बिहार के जिला छपरा में था. बताया जा रहा है कि छपरा में भी यह क्रूज बिच गंगा में ही खड़ा रहा था. लोग ये जानने के लिए बेताब हो गए कि आखिर क्या बात है, यह क्रूज नदी के बीच में खड़ा रह रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक नदी में कम पानी होने की वजह से क्रूज बीच में फंस गया था. हालांकि, सरकार ने इस क्रूज के छपरा में फंसने की खबरों को खारिज कर दिया है.
क्रूज को पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
बता दें कि, पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज पटना के लिए रवाना किया था. गंगा विलास क्रूज सोमवार को बिहार की राजधानी पटना पहुंच गया. दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज के रूप में जाने वाले इस जहाज को वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक की यात्रा पूरी करने में 51 दिन लगेंगे, यह सोमवार (16 जनवरी) शाम 4.45 बजे पटना पहुंचा है. पिछले शुक्रवार को वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया उक्त क्रूज एक दिन बाद बक्सर के रास्ते बिहार में प्रवेश कर गया था. पटना पहुंचने से पहले, ज्यादातर विदेशी नागरिकों को ले जाने वाले इस जहाज का सारण जिले में ठहराव था जहां यात्रियों ने चिरांड पुरातत्व स्थल का भ्रमण किया था.
क्या क्रूज फंसा था बिहार के छपरा में?
इससे पहले भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन संजय बंद्योपाध्याय ने भी क्रूज का छपरा में फंसने के खबरों को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि क्रूज छपरा में फंस गया है. उन्होंने क्रूज के पटना समय पर पहुंचने की जानकारी देते हुए कहा था कि यह क्रूज आगे के सफर पर भी अपने पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप ही आगे बढ़ेगा. मंत्रालय ने कहा, ''इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि क्रूज छपरा में फंस गया था.
मार्च तक की टिकट हो चुकी है बुक
लंगर डालने और तट पर परिवहन का साधन तय करने का अधिकार क्रूज संचालक के ही पास होता है.'' बंद्योपाध्याय ने इस क्रूज के छपरा में गंगा नदी की तलहटी में फंस जाने को लेकर आई खबरों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि यह क्रूज अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप पटना पहुंच गया है. इस आलीशान रिवर क्रूज का निर्माण देश में ही हुआ है और यह तमाम सुख-सुविधाओं से लैस है. हालांकि इसका सफर करने की मंशा रखने वाले को 50-55 लाख रुपये का किराया देना होगा. इतने महंगे किराये के बावजूद अगले साल मार्च तक की टिकट बुक हो चुकी हैं.