Patna Dengue: पटना में डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या लोगों को खौफजदा कर रही है. यहां हर दिन मामलों में इजाफा हो रहा है. जिले के सरकारी अस्पतालों में डेंगू वार्ड मरीजों से भर चुका है. ऐसे डेंगू के प्रकोप से बचने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय भी कर रहे हैं. इन सबके बीच पटना में बकरी के दूध की डिमांड भी काफी बढ़ गई है साथ ही पपीते के पत्तों के एक्सट्रैक्ट वाले टेबलेट्स की मांग भी आयुर्वेदिक दुकानों पर बढ़ गई है.
पटना मे बकरी के दूध की क्यों बढ़ गई है डिमांड
गौरतलब है कि डेंगू के मामले बढ़ते ही बकरी का दूध भी महंगा हो जाता है. दरअसल बकरी का दूध डेंगू के उपचार में फायदेमंद बताया जाता है. इसे पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं. इसके साथ ही बकरी के दूध में विटामिन बी12, बी6, विटामिन सी और विटामिन डी की मात्रा कम होती है. इसमें फोलेट को बाइंड करने वाले अवयव पाए जाते हैं यानि ये फोलिक एसिड से भरपूर होता है. बकरी का दूध आसानी से डाइजेस्ट भी हो जाता है और इससे ब्लड सेल्स बढ़ते हैं. इसमें एक खास प्रोटीन होता है जो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है.
पटना में बकरी के दूध की कीमत एक हजार रुपये के पार
फिलहाल पटना में डेंगू के मरीज बढ़ने के साथ बकरी के दूध के दाम आसमान छू रहे हैं. यहां एक लीटर बकरी का दूध 12 सौ से 15 सौ रुपये बेचा जा राह है. इससे पहले ये 400 से 500 रुपये प्रति लीटर था. हालांकि बकरी काफी कम दूध देती है. एक बकरी आधा लीटर से डेढ़ लीटर तक ही दूध दे पाती है ऐसे में बकरी के दूध की किल्लत भी हो रही है. आलम ये है कि लोग बकरी के दूध के लिए रुकनपुरा से लेकर शहर के कई स्थानों की खाक छान रहे हैं लेकिन बकरी के दूध की किल्लत बनी ही हुई है.
पटना में पिछले 24 घंटों में डेंगू के 82 नए मरीज मिले
वहीं मामलों की बात करें तो पटना में पिछले 24 घंटों में डेंगू के 82 नए मरीज मिले हैं. जिसके बाद अब जिले में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1 हजार 76 हो गई है. वर्तमान में पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच के डेंगू वार्ड समेत कई निजी अस्पतालों में 50 से ज्यादा डेंगू संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं मलेरिया पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र प्रसाद ने कहा है कि अगर इस तरह बूंदा-बांदी लगी रही तो डेंगू के मामले और बढ़ने की उम्मीद है.
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