Patna News: पटना में हाईवे किनारे रेस्टोरेंट या अपना ढाबा खोलने में अब कोई मुश्किल नहीं आएगी. इसके लिए बस निवेशकों के पास अपनी डेढ़ एकड़, आधा एकड़ या एक एकड़ के करीब जमीन होनी चाहिए. अगर जमीन नहीं भी है तो लीज पर भी लेकर हाईवे किनारे ढाबा या रेस्टोरेंट खोलने का सपना पूरा कर सकते हैं. बता दें कि निवेशकों को इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा.
अक्टूबर में आवेदन फॉर्म जारी कर सकत है पर्यटन विभाग
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने इस संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि हाईवे किनारे होटल, ढाबे या रेस्टोरेंट खोलने के लिए विभाग अक्टूबर में आवेदन फॉर्म जारी कर सकता है. नवंबर में कागजों की जांच करने के बाद दिसंबर तक वर्क ऑर्डर भी दिए जाने की उम्मीद है. इसके बाद 18 महीने के भीतर कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा करना होगा. जनवरी 2023 से निर्माण शुरू किया जा सका है. फिलहाल इस योजना को लेकर विभाग में तेजी से काम हो रहा है.
कहां-कहां हाईवे किनारे ढाबे या रेस्टोरेंट खोलने की है योजना
बता दें कि विभाग की पटना-गया, पटना-वैशाली/ केसरिया, पटना- नालंदा समेत बिहार के तकरीबन 23 हाइवे पर 40 प्रीमियम और 60 रेस्टोरेंट खोलने के लिए अनुदान देने की योजना है. गौरतलब है कि आने वाले तीन सालों के भीतर बिहार टूरिज्म डिपार्टमेंट पर्यटन केंद्रो को जोड़नेवाली सड़कों पर 150 से अधिक तमाम सुविधाओं से लैस ढाबे स्टाइल रेस्टोरेंट और सुविधा केंद्र खोलने जा रहा है.
पर्यटन विभाग की इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य
हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा कुछ शर्ते भी रखी गई हैं जिनका पालन ढाबा या रेस्टोरेंट खोलने की प्लानिंग कर रहे निवेशकों को करना होगा. इनका पालन करने पर ही सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा. इन शर्तों के सहत रसोई सहित फूड प्लाजा के लिए 5 हजार वर्ग फीट का न्यूनतम क्षेत्र अनिवार्य किया गया है. इसमें 50 से 60 लोगों के बैठने की क्षमता होनी चाहिए. इसके साथ ही हाईवे किनारे ढाबा या रेस्टोरेंट खोलने वाले निवेशकों को कुल जमी के 10 हजार वर्ग फीट में पार्किंग की भी व्यवस्था करनी अनिवार्य है.
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