5 अप्रैल 1993 की रात क्या हुआ था दिव्या भारती के साथ? जानिए पूरी कहानी
सवाल कई थे. जब वे बिना ग्रिल वाली खिड़की पर बैठीं तो किसी ने उन्हें रोका क्यों नहीं, ये जानते हुए भी कि शराब के साथ ये रिस्की हो सकता है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि उन्होंने अल्कोहल का सेवन किया था. उनके दोस्तों ने अधिक पीने पर उन्हें टोका क्यों नहीं. दिव्या अपने पिता की बेरुखी से परेशान थीं या फिर कोई और बात थी जो उन्हें भीतर भीतर खाए जा रही थी.
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View In App7 अप्रैल 93 को दुल्हन के श्रंगार में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके एक पैर में बैंडेज बंधी थी. सवाल उठा कि आखिर उन्हें ये चोट कैसे लगी. सवाल ये भी था कि घटना के वक्त साजिद कहां थे.
सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि अचानक उनके बारे में कई नेगेटिव खबरें भी मीडिया में आने लगीं. इन खबरों के मुताबिक दिव्या के पिता उनकी शादी से खुश नहीं थे. दिव्या की मां को जुए की लत थी. हालांकि घर का खर्च दिव्या ही उठाती थीं. वह अपने भाई के काफी करीब थीं.
5 अप्रैल 1993 को 19 साल की उम्र में दिव्या भारती की मौत हुई थी. आज इस घटना को 25 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन सवाल अभी भी अनसुलझा है कि आखिर उनकी मौत हुई कैसे. जब जब बॉलीवुड की अनसुलझी मिस्ट्रीज़ की बातें होती हैं तब-तब दिव्या भारती की मौत की भी बातें होती हैं. मुंबई की एक बिल्डिंग से गिर कर उनकी मौत हुई थी. तभी से ये सवाल किसी यक्ष प्रश्न की तरह सामने है कि आखिर उनके साथ हुआ क्या था.
दिव्या भारती की शक्ल श्रीदेवी से मिलती थी. उन्होंने कम उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया था. उन्होंने दक्षिण भारत की भी कुछ फिल्मों में काम किया. तेलुगू फिल्म बोबली राजा से उनका करियर शुरु हुआ था. ये फिल्म 1990 में रिलीज हुई थी.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए दिव्या की मां मीता ने कहा कि वे इस मामले की दोबारा कोई जांच नहीं चाहतीं. उन्होंने कहा कि अगर कुछ खराब पता चला और और दुख होगा. मीता कहती हैं कि दिव्या की जन्मकुंडली में कम उम्र में मौत लिखी हुई थी.
तभी जोर की आवाज हुई. सभी दौड़ कर खिड़की पर पहुंची तो देखा कि नीचे दिव्या पड़ी तड़प रही हैं. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. कूपर हॉस्पिटल के आईसीयू में उन्होंने अंतिम सांस ली.
दिव्या भारती बालकनी में जाकर बैठ गईं. उनसे जुड़े लोग बताते हैं कि वे ऐसा अक्सर किया करती थीं. वे रम पी रही थीं. उनके हाथ में गिलास था. अमृता शराब के साथ खाने के लिए कुछ बना रही थीं और नीता व उनके पति वी़डियो प्लेयर की सैटिंग कर रहे थे.
वे एक फ्लैट खरीदने वाली थीं जिसकी डील भी फाइनल हो चुकी थी. 5 अप्रैल की रात दिव्या पार्टी कर रही थीं. उनके साथ उनकी मेड अमृता थीं. डिजाइनर नीता लुल्ला भी अपने पति के साथ आई हुई थीं. सभी लोग ड्रिंक कर रहे थे.
साजिद के साथ शादी करके दिव्या तुलसी बिल्डिंग में रहने लगी थीं. ये इमारत मुंबई के वर्सोवा इलाके में है. कुछ वक्त तक उन्होंने अपनी शादी की बात को छुपा कर भी रखा था. उन दिनों मुंबई में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ था और ऐसे में अलग-अलग धर्मों से आने वाले दिव्या-साजिद की शादी पर विवाद हो सकता था. कहा जाता है कि साजिद के करियर में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था.
बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म थी विश्वात्मा. इस फिल्म में बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ दिए और दिव्या भारती को देश की सबसे बड़ी अभिनेत्रियों में शुमार किया जाने लगा. इसके बाद आईं 'शोला और शबनम' और 'दीवाना' ने उन्हें सबसे अधिक मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों की लिस्ट में लाकर खड़ा कर दिया.
उन्होंने 13 हिन्दी फिल्मों में काम किया और उस मुकाम को हासिल किया जो कई अभिनेत्रियों के लिए सपने सरीखा होता है. शोला और शबनम के सेट पर ही उनकी मुलाकात साजिद नाडियावाला से हुई. इसके बाद की मुलाकातें प्यार में बदल गईं और प्यार शादी में.
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