भारत में आज डीजल की कीमत (21st November 2024)
ग्लोबल क्रूड ऑयल के कीमतों में उतार-चढ़ाव और घरेलू टैक्सेशन की नीतियों के चलते डीजल की कीमतों में तेजी से बदलाव आते रहते हैं. इसकी लागत में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और राज्य वैट के चलते स्थानीय दरों में कीमतों में बदलाव देखा जाता है. जून 2017 से हर रोज सुबह 6 बजे डीजल के दामों में संशोधन किया जाता है और इसे डायनामिक डीजल प्राइस मैथड कहा जाता है. प्रमुख शहरों में डीजल के दाम- दिल्ली में ₹ 87.67 प्रति लीटर, मुंबई में ₹ 89.97 प्रति लीटर, बंग्लुरू में ₹ 88.99 प्रति लीटर, हैदराबाद में ₹ 95.7 प्रति लीटर, चेन्नई में ₹ 92.48 प्रति लीटर, अहमदाबाद में ₹ 90.14 प्रति लीटर, कोलकाता में ₹ 91.76 प्रति लीटर. आप भारत के हर प्रमुख शहर के आज के डीजल के भाव यहां जान सकते हैं और इनकी तुलना पिछले दिन की कीमतों से कर सकते हैं.
भारतीय महानगरों में आज डीजल के दाम
City | Diesel (₹/L) | Change (vs. - 1 Day) % |
---|---|---|
Chandigarh | ₹82.45/L | - |
New Delhi | ₹87.67/L | - |
Mumbai City | ₹89.97/L | - |
Chennai | ₹92.48/L 0.09 | +0.1 |
Lucknow | ₹87.81/L | - |
Kolkata | ₹91.76/L | - |
भारत में डीजल के दाम को कैसे कैलकुलेट किया जाता है?
भारत में डीजल की कीमतें कई कारकों के असर के बाद एक मुश्किल प्रक्रिया के माध्यम से तय की जाती हैं. प्राइमरी घटक कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें हैं, जो ग्लोबल आपूर्ति और मांग की गतिशीलता के आधार पर उतार-चढ़ाव करती हैं. भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का कारोबार डॉलर में होता है. एक बार जब कच्चे तेल का आयात किया जाता है, तो रिफाइनरियां इसे डीजल में प्रोसेस करती हैं, जिसमें रिफाइनिंग और ऑपरेशनल खर्चे शामिल होते हैं. फिर डीजल को कई अलग अलग डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स पर ले जाया जाता है, जिसमें लॉजिस्टिक लागत भी जुड़ जाती है. सरकारी टैक्स अंतिम कीमत पर महत्वपूर्ण असर डालते हैं. केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क लगाती है, जबकि राज्य सरकारें मूल्य वर्धित कर (वैट) या बिक्री कर लगाती हैं, जो सभी राज्यों में अलग-अलग होते हैं. इसके अलावा, डीजल पंप डीलरों को एक कमीशन मिलता है, जिसे अंतिम रिटेल कीमत में शामिल किया जाता है. भारत में एक डायनामिक कीमत मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है, ये अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और करेंसी एक्सचेंज रेट में बदलाव के मुताबिक डीजल की कीमतों को दैनिक रूप से अपडेट करता है. यह तय करता है कि ग्लोबल तेल बाजार में बदलाव घरेलू कीमतों पर तुरंत दिखाई दे, जिससे बाजार में पारदर्शिता बनी रहे.
शहर के अनुसार डीजल के दाम
City | Diesel (₹/L) | Change (vs. - 1 Day) % |
---|---|---|
Anantapur | ₹96.92/L 0.75 | -0.77 |
Chittoor | ₹97.97/L | - |
Cuddapah | ₹96.84/L 0.37 | +0.38 |
East Godavari | ₹97.24/L 0.64 | +0.66 |
Guntur | ₹97.61/L 0.14 | +0.14 |
Krishna | ₹97.33/L 0.39 | -0.4 |
Kurnool | ₹97.72/L 0.12 | +0.12 |
Nicobar | ₹78.05/L | - |
North&middle Andaman | ₹78.05/L | - |
South Andaman | ₹78.05/L | - |
भारत में डीजल के दाम पर असर डालने वाले अलग-अलग कारक क्या हैं?
रोज के डीजल के दाम कई मुख्य कारकों पर निर्भर होकर कीमत तय करते हैं. 1) कच्चे तेल का दाम, 2) ईंधन की मांग, 3) टैक्स/फ्यूल पर लगने वाला वैट, 4) लॉजिस्टिक्स और इंफ्रा पर लगने वाली लागत, 5) डॉलर और रुपये का एक्सचेंज रेट
भारत में डीजल के दाम पर असर डालने वाले टैक्स कौन से हैं?
भारत में डीजल पर टैक्सेशन का ढांचा इसकी रिटेल कीमत का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है. भारत में डीजल की रिटेल कीमत में डीजल टैक्स की हिस्सेदारी 55 फीसदी है. केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य वैट (वैल्यू ऐडेड टैक्स) के अलावा, अन्य टैक्स भी हैं जो डीजल की कीमतों पर असर डालते हैं. रोड सेस: रोड सेस बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, खास तौर से से हाइवे और सड़क विकास से जुड़ी परियोजनाओं की फंडिंग करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से डीजल पर लगाई जाने वाली एक अतिरिक्त लेवी है. अतिरिक्त राज्य शुल्क: कुछ राज्य मानक वैट से परे डीजल की कीमतों पर अतिरिक्त शुल्क या सरचार्ज लगाते हैं. ये लेवी स्थानीय राजकोषीय नीतियों और आर्थिक स्थितियों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी): हालांकि डीजल और डीजल फिलहाल जीएसटी के अंतर्गत नहीं हैं, लेकिन इन ईंधनों को जीएसटी शासन के तहत लाने के बारे में समय-समय पर चर्चाएं उठती रहती हैं. यह कदम संभावित रूप से टैक्स ढांचे को आसान बना सकता है और राज्यों में कीमतों में दिखने वाले अंतर को कम कर सकता है." लोकल बॉडी टैक्स: कुछ नगर निगम या स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में डीजल की बिक्री पर टैक्स लगा सकते हैं, जो फाइनल रिटेल कीमत को और बढ़ा देता है. कस्टम ड्यूटी: मुख्य तौर पर आयातित कच्चे तेल पर असर डालते हुए, कस्टम ड्यूटी दरों में उतार-चढ़ाव इनडायरेक्ट तौर से आयातित डीजल की लागत और पंप पर इसके बाद के कीमत निर्धारण पर असर डाल सकता है.
भारत के हर प्रमुख शहर में डीजल के दाम में अंतर क्यों देखा जाता है?
भारत में कई शहरों में डीजल के दाम में अलग-अलग स्थानीय कारणों से अंतर देखा जाता है. स्थानीय टैक्स और शुल्क: भारत में प्रत्येक राज्य को डीजल पर अपना खुद का वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) लगाने की स्वायत्तता है. इसकी वजह से शहरों में अलग-अलग टैक्स की दरें होती हैं. ऊंचे वैट दरों वाले राज्यों में आम तौर पर डीजल की कीमतें ज्यादा होती हैं. ट्रांसपोर्ट लागत: प्रमुख रिफाइनरियों या आयात टर्मिनलों से शहरों की दूरी ट्रांसपोर्ट लागत पर असर डालती है. इन सप्लाई पॉइंट्स के करीब के शहरों में परिवहन लागत कम हो सकती है जिसके चलते यहां डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं. डीलर कमीशन: डीजल पंप डीलरों को प्रति लीटर बिक्री पर एक तयशुदा कमीशन मिलता है. स्थानीय बाजार स्थितियों और ऑपरेशनल लागत के आधार पर शहरों के बीच कमीशन दर थोड़ी अलग हो सकती है. स्थानीय मांग और मुकाबला: जिन शहरों में डीजल की ज्यादा मांग है या डीजल पंप संचालकों के बीच ज्यादा मुकाबला है, वहां अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण देखने को मिल सकता है. टैक्स डिमांड या कम कॉम्पीटीटर की वजह से मुकाबला कम होने की वजह से कीमतें ज्यादा हो सकती हैं. इन स्थानीय कारकों को समझने से भारतीय शहरों में डीजल की कीमतों में परिवर्तनशीलता को समझाने में मदद मिलती है, जो लोकल टैक्सेशेन नीतियों और तार्किक विचारों, बाजार की गतिशीलता और कंज्यूमर बिहेवियर के बीच अंतरसंबंध को उजागर करती है.