12वीं की परीक्षा को लेकर सभी राज्यों ने मंगलवार तक अपने सुझाव केंद्र सरकार को सौंप दिए हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार और गोवा 12वीं की परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार हैं. वहीं दिल्ली ने परीक्षा के आयोजन पर आपत्ति जताई है. दरअसल दिल्ली सरकार की मांग है कि परीक्षा के आयोजन से पहले छात्रों और अध्यापकों का वैक्सीनेशन कराया जाए. पंजाब सरकार ने भी यही मांग की है कि पहले छात्रों का वैक्सीनेशन किया जाए उसके बाद ही परीक्षा का आयोजन हो.
बच्चों का मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बेहद जरूरी- मनोचिकित्सक
फिलहाल 12वीं की परीक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है इस वजह से स्टूडेंट्स और अभिभाव भी काफी दबाव में हैं. ऐसे में छात्र और उनके परिजन क्या करें इसे लेकर सीनियर मनोचिक्तिसक संदीप वोहरा का कहना है कि 12वीं कक्षा के छात्र परीक्षा को लेकर काफी प्रेशर में हैं. स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि एग्जाम होंगे या नहीं होंगे. इस दौरान बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की बेहद जरूरत है. इसके लिए वे रात को पूरी नींद लें. दिन में अपना टाइमटेबल बना लें कि सुबह से लेकर रात तक क्या-क्या करना है. जैसे किस वक्त पढ़ना है किस वक्त रिलैक्स करना है. इसका फायदा ये होगा कि छात्रों के पास एक कंटीन्यूटी रहेगी. वहीं ब्रेन को फ्रेश रखने के लिए योगा प्रणायाम एक्सरसाइज भी करें.
पैरेंट्स बच्चों के साथ कम्यूनिकेशन रखें- मनोचिकित्सक
इसके साथ ही इस दौरान पैरेंट्स का रोल काफी अहम है. अभिभावकों को बच्चो के साथ कम्यूनिकेशन रखना चाहिए .उनके प्रश्नों के उत्तर देने चाहिए और कोविड उप्युक्त व्यवहार को समझते हुए ये समझाना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं.
शिक्षाविद रो.राजेश ने परीक्षा टालने पर दिया जोर
गौरतलब है कि दिल्ली को छोड़कर सभी राज्य 12वीं की परीक्षाएं कराना चाहते हैं. इस पर शिक्षाविद रो, राजेश कुमार का कहना है कि स्थिति को देखते हुए फिलहाल पेपर को कुछ दिनो के लिए टाल देना चाहिए. एक निश्चित समय के बाद हम ये फिर सोचे कि परीक्षाएं एमसीक्यू के माध्यम से कराई जानी उचित हैं या डायरेक्ट ही कराई जाएं.
12वीं की परीक्षा को लेकर जल्द फैसला आने की उम्मीद
बता दें कि देश में 12वीं के कुल छात्रों की संख्या 1 करोड़ 44 लाख है. सीबीएसई में 14 लाख छात्र हैं. जबकि यूपी बोर्ड में सबसे ज्यादा 29 लाख छात्र हैं. महाराष्ट्र बोर्ड में 16 लाख छात्र, बिहार बोर्ड में 10 लाख छात्र हैं और बंगाल बोर्ड में 8 लाख छात्र हैं. फिलहाल मौजूदा परिस्थिति में 12वीं के छात्र काफी मानसिक दबाव में है. उन्हें अपने करियर की चिंता सता रही है क्योंकि कई स्टूडेंट्स विदेश जाकर आगे की पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं लेकिन ये तभी मुमकिन है जब 12वीं की परीक्षा को लेकर छाए असमंजस के बादल साफ हों. उम्मीद है कि जल्द ही सरकार द्वारा 12वीं की परीक्षा को लेकर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा.
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