केंद्र सरकार फिलहाल इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर राज्यों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है. वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने रविवार को आयोजित नेशनल कंसल्टेशन में स्कूल –लिविंग परीक्षा के महत्व को रेखांकित किया.


इस दौरान पोखरियाल ने अपने संबोधन में कहा कि परीक्षा का परिणाम प्रत्येक छात्र के जीवन को प्रभावित करता है और एकेडमिक में उनका भविष्य तय करता है. मंत्री ने जोर देकर कहा कि छात्रों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके साथ ही उन्होंने "भरोसेमंद असेसमेंट" के बिना छात्रों को प्रमोट किए जाने के नुकसान पर भी जोर दिया. बाद में, उन्होंने कहा कि छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किए जाना उनके करियर और जॉब मार्कट में उनकी संभावनाओं को प्रभावित करने वाला जोखिम है.


CBSE स्कूलों की नेशनल काउंसिल भी परीक्षा आयोजन के पक्ष में है


पोखरियाल ने आखिरी में राज्यों को यह भी बताया कि हाल ही में स्कूलों के साथ विचार-विमर्श में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को कक्षा 12 की परीक्षा आयोजित करने के लिए स्टेकहोल्डर्स का "अप्रूव्ल " मिला था. उन्होंने आगे कहा कि सीबीएसई स्कूलों की राष्ट्रीय परिषद भी परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में है.


केंद्र सरकार परीक्षा को छोटे फॉर्मेट में कराने की इच्छुक


वहीं स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने कक्षा 12 की परीक्षा को "कटिंग एज" के तौर पर वर्णित किया. उन्होंने राज्यों को बताया कि केंद्र सरकार परीक्षा को आगे बढ़ाने और इसे छोटे फॉर्मेट में आयोजित करने की इच्छुक है. द संडे एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, छोटे वर्जन में, छात्र अपने स्वयं के स्कूलों में 19 प्रमुख विषयों की परीक्षाओं में शामिल होंगे. , करवाल ने कहा कि सेल्फ-सेंटर्स के पीछे का उद्देश्य, भीड़ से बचना और छात्रों की आवाजाही को सीमित करना है


छोटे फॉर्मेट में परीक्षा 3 घंटे की बजाय 90 मिनट की होगी


प्रत्येक परीक्षा तीन घंटे के बजाय 90 मिनट की होगी, और छात्र ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रीडर) शीट पर ऑब्जेक्टिल टाइप प्रश्नों का उत्तर देंगे. करवाल ने राज्यों को बताया कि इन शीट्स में बब्बल्स  होते हैं जिन्हें उम्मीदवारों को भरना होता है, और इनका मूल्यांकन स्कूलों में ही किया जाएगा.करवाल के अनुसार, परीक्षा का संक्षिप्त वर्जन दो चरणों में टेंटिवली आयोजित किया जा सकता है . पहला चरण15 जुलाई से 1 अगस्त और दूसरा चरण 5 अगस्त से 26 अगस्त तक आयोजित किया जा सकता है. वहीं परिणाम 5 सितंबर तक घोषित किए जा सकते हैं.


गौरतलब है कि केंद्र ने कक्षा 12 की परीक्षा आयोजित करने के लिए सीबीएसई द्वारा प्रस्तावित दो विकल्पों पर राज्य सरकारो की राय जानने के लिए रविवार को हाई लेवल बैठक बुलाई थी. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी.


दूसरा विकल्प 19 प्रमुख विषयों के लिए 3 महीने में परीक्षा कराना है


बता दें कि सीबीएसई द्वारा पेश किया गया दूसरा विकल्प मौजूदा फॉर्मेट में 19 प्रमुख विषयों के लिए तीन महीने में परीक्षा आयोजित करना था. वहीं करवाल ने राज्यो को बताया था कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए तीन महीने की विंडो मुश्किल है और इसलिए सरकार छोटी परीक्षाओं के दूसरे विकल्प के लिए ज्यादा इच्छुक है.


ज्यादातर राज्यों ने परीक्षा के आयोजन का किया समर्थन


गौरतलब है कि दिल्ली और महाराष्ट्र को छोड़कर अधिकांश राज्यों ने परीक्षा को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है, कुछ राज्यों ने (केरल, असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और मेघालय) ने केंद्र से शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले  टीकाकरण करने का आग्रह किया है


बता दें कि राज्यों को 25 मई तक लिखित में अपनी प्रतिक्रिया भेजने के लिए कहा गया था. शिक्षा मंत्रालय द्वारा 1 जून को अंतिम निर्णय की घोषणा करने की उम्मीद है.


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