देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के मन पर काले बादल मंडरा रहे हैं. 12वीं परीक्षा होगी या नहीं इसे लेकर असमंजस बना हुआ है. राज्यों ने केंद्र को लिखी चिट्ठी में चुनिंदा विषयों की परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया है.
सभी राज्यों ने केंद्र सरकार कों सौपें सुझाव
वहींसूत्रों के मुताबिक मंगलवार शाम तक लगभग सभी राज्यों ने अपने सुझाव केंद्र सरकार को सौंप दिए हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, और परीक्षा के लिए तैयार हैं. जबकि दिल्ली ने अपनी असमर्थता जताते हुए कहा है कि पहले परीक्षार्थियों और अध्यापकों का वैक्सिनेशन किया जाए. पंजाब सरकार ने भी कहा है कि पहले टीकाकरण किया जाए फिर परीक्षा करवायी जाए.
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने परीक्षा कराने की अपील की
इस बीच दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से 12वीं बोर्ड परीक्षा करवाने की अपील की है. दिल्ली स्टेट पब्लिश एसोसिएशन के तहत करीब चार हजार स्कूल हैं. एसोसिएशन का कहना है कि बच्चों ने पिछले एक साल से ऑनलाइन पढ़ायी की है. क्योंकि परीक्षा के बाद करियर बनाने के लिए आगे की परीक्षाओं में शामिल होना है. दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के मुताबिक छात्रों को परीक्षा से रोकना उनके भविष्य से खेलने जैसा होगा.
दिल्ली सरकार बना रही बहाना
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन का मानना है कि सरकार बहाना बना रही है कि दिल्ली में जब तक सभी बच्चों का टीकाकरण नहीं हो जाता या फिर सभी अध्यापकों का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक 12वीं की परीक्षा नहीं कराई जाए. एसोसिएशन का कहना है कि ये अपने आप में सरकार की असफलता दिखाता है. एसोसिएशन के मुताबिक बोर्ड की परीक्षा देने वालों में अधिकतर बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं. ऐसे में सरकार यह स्पष्ट करे कि जो बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं, क्या सरकार उन्हें बोर्ड की परीक्षा देने से रोकेगी. क्योंकि उन्हें टीका नहीं लग पाएगा. लिहाजा बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना की जाए और तुरत केंद्र सरकार को एग्जाम कराने के लिए दिल्ली सरकार अपनी सहमति दे.
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