शिक्षा जितनी तेजी से महंगी होती जा रही है, उतनी ही तेजी से बच्चों तक उसकी पहुंच भी कम होती जा रही है. ऐसे तो देश भर में शिक्षकों की भारी कमी है, लेकिन अकेले हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां लगभग 12 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. यहां तक की अब राज्य सरकार प्रदेश ने 286 प्राथमिक और मध्यामिक विद्यालयों को गैर-अधिसूचित कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब इन स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा, इनमें 228 प्राइमरी और माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं. हालांकि, इन्हें बंद करने का फैसला छात्रों के शून्य नामांकन की वजह से किया गया है.


स्कूलों में टीचर ही नहीं हैं


हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने रविवार को इस संबंध में एक बयान दिया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में करीब 3 हजार ऐसे स्कूल हैं जिनमें सिर्फ एक ही शिक्षक मौजूद है. जबकि, 455 ऐसे स्कूल हैं जो शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के आधार पर संचालित हो रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि फिलहाल राज्य में 12 हजार पद खाली हैं. वहीं राज्य में कुल स्कूलों की संख्या की बात करें तो यह 15,313 है.


किन स्कूलों को किया जाएगा बंद


शिक्षा मंत्री का कहना है कि राज्य सरकार सिर्फ उन्हीं स्कूलों को बंद करेगी जहां नियमों का सही से पालन नहीं होता है. हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि किसी भी प्राथमिक के लिए कम से कम 10 छात्र, मध्यामिक के लिए 15, उच्चतर के लिए 20, उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिए 25 और कॉलेजों के लिए 65 छात्रों का होना जरूरी है. अगर तय मानक के हिसाब से स्कूलों कॉलेजों में छात्र नहीं मिलेंगे और ये स्कूल कॉलेज निर्धारित मापदंडों से मेल नहीं खाएंगे तो फिर इन विद्यालयों और कॉलेजों को बंद करा दिया जाएगा. हालांकि, आपको बता दें ये मापदंड सिर्फ इसी राज्य के लिए हैं, क्योंकि राष्ट्रीय मापदंडों में नियम इससे इतर हैं.


ये भी पढ़ें: निकली है बंपर भर्ती... सिर्फ 7वीं पास हैं तब भी कर सकते हैं अप्लाई


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI