UPSC Success Story: खुली आंखों से आयुषी ने सपना किया पूरा, आंखों से देख नहीं सकती लेकिन यूपीएससी में हासिल किया 48वां स्थान
UPSC Success Story: दिल्ली के रानी खेड़ा गांव की रहने वाली आयुषी ने टॉप 50 में अपनी जगह बनाई. जिन आंखों से नहीं देख सकते दुनिया, उन्हीं आंखों से आयुषी ने IAS बनने का सपना देखा और सफल हुईं.
UPSC Success Story: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा जिसे करने के बारे में सोचता तो हर कोई है,लेकिन अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. लेकिन वो कहते हैं ना कि यदि आप के हौसले बुलंद हैं तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. यही साबित कर दिखाया है यूपीएससी परीक्षा 2021 के परिणाम में 48 वी रैंक हासिल करने वाली 29 वर्षीय आयुषी ने जो कि बचपन से ही नेत्रहीन हैं.
जानें आयुषी का बचपन कैसा था
आयुषी ने यूपीएससी परीक्षा में 48वां स्थान हासिल किया है, और उन सभी लोगों को करारा जवाब दिया है जो यह सोचते थे कि दुनिया में वो सबसे अलग हैं और क्योंकि वह इस दुनिया को अपनी आंखों से नहीं देख सकती हैं इसीलिए वह कुछ भी नहीं कर सकती, लेकिन उन्होंने ना केवल यूपीएससी परीक्षा को पास किया है बल्कि एक अच्छी रैंक भी हासिल की है.आयुषी जो कि मौजूदा समय में दिल्ली के मुबारकपुर में एक स्कूल में इतिहास विषय पढ़ाती है. आयुषी को बचपन से ही पढ़ने लिखने का काफी शौक रहा और वह स्कूल से लेकर कॉलेज में हमेशा टॉप करती रही, उन्होंने इससे पहले दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) में भी टॉप किया है अपनी इस सफलता का श्रेय वह अपने माता पता को देती हैं.
टॉप 50 में बनाई जगह
आयुषी दिल्ली के रानी खेड़ा में रहती हैं और एक स्कूल में लेक्चरर है. स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की, जिसके लिए वह स्कूल से आकर यूपीएससी की तैयारी करती थी, और रात में भी देर रात तक पढ़ती थी. आयुषी जो कि बचपन से ही नेत्रहीन है, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने आप को नीचे नहीं गिरने दिया, वह हमेशा मेहनत करती रही, मुश्किलों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और इसी के चलते आज उन्होंने यूपीएससी परीक्षा परिणाम 2021 के टॉप 50 में अपनी जगह बनाई है.
एपीजे अब्दुल कलाम को मानती हैं अपना आदर्श
आयुषी का कहना है कि कई बार दिव्यांगजनों को लोग अलग नजर से देखते हैं, कई लोगों की सोच होती है कि दिव्यांगजन लोग कुछ नहीं कर सकते, वह ऐसे लोगों की सोच बदलना चाहती हैं, और आगे दिव्यांगजन लोगों को एक बेहतर भविष्य देने के लिए काम करना चाहती हैं, इतना ही नहीं वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती है. इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए अपने माता-पिता, दोस्तों और टीचर को श्रेय दिया, जो कि उनके साथ मेहनत करते थे और उनकी मदद करते थे. साथ ही वह ऑडियो सेशन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से अपनी पढ़ाई करती थी.
असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार
आयुषी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है और तीनों वर्ष में वह टॉपर रही है. दिल्ली के केशवपुरम स्थित जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान डीआईईटी से पढ़ाई की है. इसके साथ में उन्होंने इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है इतना ही नहीं जामिया मिलिया इस्लामिया से उन्होंने बीएड की पढ़ाई भी की है वह बचपन से ही टीचर बनना चाहती थी. उन्होंने साल 2015 में सिविल सेवा की तैयारी शुरू की थी जिसमें कि वह 3 बार असफल भी रही लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही.
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