PM रिसर्च फेलोशिप सम्मान पाने वाले जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के 6 स्कॉलर्स में से 5 हैं महिलाएं
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के 6 रिसर्च स्कॉलर्स को प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) से सम्मानित किया गया है. खास बात ये है कि इन 6 रिसर्च स्कॉलर्स में से ये सम्मान पाने वाली 5 महिलाएं हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि उसके छह रिसर्च स्कॉलर को दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) से सम्मानित किया गया है. गौरतलब है कि प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप से सम्मानित किए जाने वाले 6 स्कॉलर्स में से 5 रिसर्च स्कॉलर महिलाए हैं.
इन 6 स्कॉलर्स को PM रिसर्च फेलोशिप से किया गया सम्मानित
1-फ़ोज़िया तबस्सुम - सिविल इंजीनियरिंग विभाग
2-मोमिना - सिविल इंजीनियरिंग विभाग
3-अजरा मलिक - इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग
4- आशी सैफ - फिजियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन साइंस सेंटर
5-आलिया तैयब - सेंटर फॉर बेसिक इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च
6-फिरोज खान - सेंटर फॉर नैनोलॉजी एंड नैनोटेक्नोलॉजी
महिला स्कॉलर आलिया तैयब की कड़ी मेहनत रंग लाई
वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया की पांच महिला स्कॉलर्स में से एक आलिया तैयब ने कहा कि डेडिकेशन और आत्मविश्वास ने उन्हें कड़ी मेहनत करने और प्रधान मंत्री रिसर्चफैलोशिप (PMRG) प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया.
जामिया के छह प्राप्तकर्ताओं में से एक, तैयब, सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज से जुड़ी हैं और उनकी रिसर्च कैंसर Suppressant ड्रग्स पर फोकस है. वह कहती हैं कि “महामारी ही कारण है कि मैंने महसूस किया कि रिसर्च अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब से हम वायरस पर शोध कर रहे हैं. हमें विश्वास होना चाहिए कि हम जो करते हैं वह अंततः समाज की मदद करता है.”
परिवार ने किया पूरा सपोर्ट
वह कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान रिसर्च करना काफी मुश्किल था, उन्होंने बताया कि परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण था. “अपने माता-पिता और पति के सहयोग से, मैं प्रतिष्ठित फेलोशिप पाने में सफल रही. वह आगे कहती हैं कि जामिया की छह में से पांच फेलो महिलाएं हैं, ये फैक्ट ज्यादा ये ज्यादा लड़कियों को रिसर्च के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा. ”
वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने स्कॉलर्स को दी बधाई
जामिया मिलिया इस्लामिया ने बयान जारी कर कहा है कि उसके छह रिसर्च स्कॉलर्स को दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत PMRF से सम्मानित किया गया है. वाइस चांसलर नजमा अख्तर पर्सनली स्कॉलर्स के पास पहुंचीं और उन्हें बधाई दी.
अख्तर ने कहा, "जामिया उत्कृष्टता के लिए खड़ा है और अपने छात्रों को ऊंचाइयों को छूने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत करता है." उन्होंने कहा कि उनमें से पांच लड़कियां हैं, यह दर्शाता है कि महिलाएं शोध में कितना अच्छा कर रही हैं.”
स्कॉलर मोमिना ने फेलोशिप को बताया स्वागत योग्य कदम
सिविल इंजीनियरिंग विभाग की रिसर्च स्कॉलर मोमिना कहती हैं कि, “इस फेलोशिप के लिए बहुत मेहनत की जरूरत होती है. महामारी के बावजूद, मैं 80% के स्कोर को पार करने में सफल रही, मैंने कई पब्लिकेशन को सिक्योर करना भी मैनेज किया. " उन्होंने कहा कि जामिया की पांच छात्राओं को फेलोशिप मिलना एक स्वागत योग्य कदम है और यह अन्य लड़कियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
इन्हें भी स्कॉलरशिप के लिए चुना गया
अन्य तीन स्कॉलर्स में सिविल इंजीनियरिंग की फोजिया तबस्सुम, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की अजरा मलिक और सेंटर फॉर फिजियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज की आशी सैफ हैं. वहीं मई 2020 के अभियान में, सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी की दो महिला शोधकर्ताओं, मरिया खान और अबगीना शबीर को फेलोशिप मिली.
कुलपति ने पीएमआरएफ-जेएमआई के कॉर्डिनेटर अब्दुल कयूम अंसारी के प्रयासों की भी सराहना की. अंसारी ने कहा कि छह शोधकर्ताओं में से प्रत्येक को पहले दो साल के लिए 70,000 रुपये, तीसरे साल में 75,000 रुपये और चौथे और पांचवें साल में 80,000 रुपये की मासिक फेलोशिप मिलेगी. उन्हें 2 लाख रुपये का वार्षिक शोध अनुदान भी मिलेगा.
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